सारण:चौकीदार की हत्या के मामले में दोषी जमादार को 30 साल बाद कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने चौकीदार की हत्या के मामले में जमादार को आजीवन कारावास के साथ 10 हजार की आर्थिक दंड भी लगाया है.
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कोर्ट ने 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया
घटना उस समय की है जब वह छपरा जिले के जनता बाजार थाने में रामसकल दास सेवारत थे. न्यायालय ने सहायक पुलिस अवर निरीक्षक को चौकीदार की हत्या के मामले में आजीवन कारावास के साथ 10 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है. हत्या के दोषी सहायक पुलिस अवर निरीक्षक भागलपुर जिले के सदर थाना क्षेत्र के अलग पहांडी गांव निवासी रामसकल दास है. जनता बाजार थाना में चौकीदार धनेश छपरा गांव निवासी ब्रह्मा यादव ने 24 मई 1991 को प्राथमिकी कांड संख्या 27/1991 दर्ज कराई गई थी.
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जमादार की पिस्टल से लगी थी गोली
13 मई 1991 की रात में वह दिनेश छपरा गांव में चौकीदार धर्मनाथ यादव के साथ रात्रि गश्त कर रहे थे. इसी दौरान जानकारी मिली कि सहायक पुलिस अवर निरीक्षक रामसकल दास आय हुए हैं, उनके साथ जनता बाजार थाना के पुलिसकर्मी भी थे. कुछ देर बाद दोनों चौकीदार भी वहां पहुंचे तभी गांव के लोगों ने कहा कि गांव में चोर आए हुए हैं. अंधेरी रात थी, शोरगुल सुनकर दोनों चौकीदार देखने गए तभी सहायक पुलिस अवर निरीक्षक रामसकल दास ने फायरिंग कर दी. चिल्लाने की आवाज पर सभी देखने गये तो देखा कि उनके साथी चौकीदार धर्म नाथ यादव के गर्दन में गोली लगी थी और घायल अवस्था में वह गिरे हुए थे. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई. इस मामले में सहायक पुलिस अवर निरीक्षक के खिलाफ भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 304 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.