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सारण: लॉकडाउन के बाद अब यास ने मारा, बर्बाद हुई 'उम्मीदों' की खेती

चक्रवाती तूफान यास के कारण हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. वाल्मीकि बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इससे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

किसानों का फसल बर्बाद
किसानों का फसल बर्बाद

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Published : May 30, 2021, 7:24 AM IST

Updated : May 30, 2021, 7:37 AM IST

सारण(छपरा):'यास' चक्रवाती तूफान(Yaas Cyclone)के कारण हुई भारी बारिश से हाहाकार मचा है. छपरा में गंडक नदी के जलस्तर में 5 फीट की बढ़ोतरी हुई है. वाल्मीकि बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. गंडक नदी में पानी दोनों किनारों तक फैल गई है. किसानों की लाखों की तरबूज की खेती बर्बाद हो गई है.

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किसानों को 1 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान
गंडक नदी के बालू पर सैकड़ों किसानों ने 1 करोड़ से अधिक की लागत से खीरा, ककड़ी, तरबूज आदि की खेती की थी लेकिन बिक्री के समय ही सूबे में लॉकडाउन लागू हो गया था. इससे उनका कारोबार प्रभावित हुआ, फिर रही सही कसर चक्रवाती तूफान यास ने पूरी कर दी. किसान बताते हैं कि मुनाफा तो दूर लागत की आधी राशि का निकल पाना भी मुश्किल है.

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किसानों से मदद की गुहार
यास चक्रवात से हुए भारी नुकसान से किसान काफी चिंतित हैं. कई किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर उम्मीदों की खेती की थी, लेकिन यास ने सब बर्बाद कर दिया. इस स्थिति में सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए अन्यथा हालात और भी बदतर हो जाएंगे.

Last Updated : May 30, 2021, 7:37 AM IST

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