सारण(छपरा): जिले के मांझी गांव में बीते तीन दशक से बंद पड़े सरकारी बोरिंग ने फिर से पानी देना शुरू कर दिया. सरकारी उदासीनता की इस बंदिश को मांझी पूर्वी पंचायत के मुखिया नवरत्न प्रसाद उर्फ संतोष पहलवान ने अपने अथक प्रयास के दम पर इसे खत्म किया. वहीं, मुखिया ने बताया कि सरकारी बोरिंग के चालू हो जाने के कारण गांव के किसानों को अब खेती में कम लागत आएगी.
सारण: 31 वर्ष बाद चालू हुआ सरकारी बोरिंग, किसानों में खुशी - Government boring will help farmers in rabi cultivation
मांझी गांव में बीते तीन दशक से बंद पड़े सरकारी बोरिंग ने फिर से पानी देना शुरू कर दिया है.
सरकारी बोरिंग से किसानों की खेती में लागत घटेगी, आय बढ़ेगा
सरकारी बोरिंग के शुरू हो जाने के कारण किसानों की खेती में लागत घटेगी, आय में मुनाफा होगा. संतोष पहलवान ने बताया कि वर्षों से बंद पड़े सरकारी बोरिंग के चलते गांव के कई किसान पटवन के समय ने निजी बोरिंग का सहारा लेते थे. जिस कारण उनका खेती में लागत काफी बढ़ जाता था. अब सरकारी बोरिंग चालू हो जाने के बाद गांव के किसानों को इसका फायदा मिलेगा. लागत कमेगी, आय बढ़ेगा, किसान खुशहाल रहेगा.
रबी की खेती में मिलेगी किसानों को मदद
बोरिंग चालू किए जाने के कारण गांव के किसान काफी खुश हैं. रबी की बुआई के वक्त बोरिंग चालू हो जाने के कारण गेहूं की खेती में किसानों को काफी मदद मिलेगा. बता दें कि करीब 31 वर्ष पहले उक्त बोरिंग से किसान अपने खेतों की सिंचाई करते थे. जिसको संचालित करने के लिए सरकारी ऑपरेटर की भी नियुक्ति हुई थी. जो समय-समय पर इस बोरिंग को चलाता था. बाद में तकनीकी गड़बड़ी और बिजली की नियमित अनुपलब्धता के कारण स्टेट बोरिंग से सिंचाई का कार्य पूरी तरह ठप हो गया. जिसके बाद से किसानों को इसके चालू होने का इंतजार था.