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सारण: पानापुर में मंडराने लगा चौथी बार बाढ़ का खतरा, प्रशासन ने लोगों को सचेत रहने की दी सलाह

सारण के पानापुर के निचले तटबंध पर चौथी बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. नेपाल ने बाल्मिकीनगर बराज से चार लाख क्युसेक पानी छोड़ा है. जिससे, पानापुर में फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. प्रशासन ने लाउडस्पीकर के जरिये लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है.

पानापुर में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
पानापुर में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

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Published : Aug 28, 2021, 5:01 AM IST

सारण: नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों (Nepal Catchment Areas) में लगातार हो रही बारिश (Incessant rain) एवं वाल्मीकिनगर बराज (Valmikinagar Barrage) से गुरुवार को नेपाल द्वारा भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से सारण तटबंध (Saran Embankment) के निचले इलाकों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) से प्राप्त सूचना के अनुसार नेपाल द्वारा गुरुवार को वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में चार लाख चार हजार क्युसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे पानापुर में बाढ़ का खतरा फिर मंडराने लगा है.

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शनिवार की दोपहर तक पानापुर की सीमा में बाढ़ का पानी प्रवेश करने की संभावना है. जून माह से ही गंडक नदी के जलस्तर में हो रहे उतार-चढ़ाव से सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर, सलेमपुर, सोनवर्षा, बसहिया, रामपुररुद्र के 161 गांवो के सैकड़ों परिवार, तीन बार बाढ़ की विभीषिका झेल चुके हैं. नदी के जलस्तर में ही रही वृद्धि से इन गांवों के लोगों पर चौथी बार विस्थापित होने का खतरा मंडराने लगा हैं. प्रशासन ने लाउडस्पीकर के जरिये लोगो को सचेत रहने को कहा है.

संभावित बाढ़ की आशंका को देखते हुए, सीओ रणधीर प्रसाद ने सारण तटबंध का निरीक्षण किया. बाढ़ नियंत्रण विभाग के पदाधिकारियों से हालात की जानकारी ली. इस बीच प्रशासन ने शुक्रवार को लाउडस्पीकर के जरिए सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे लोगो को आगाह किया कि वे सभी, सुरक्षित एवं ऊंचे स्थानों पर शरण ले लें. इस बीच जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि नेपाल द्वारा छोड़ा गया पानी, शनिवार की दोपहर बाद पानापुर की सीमा में प्रवेश करेगा. लोगो को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है. फिलहाल सारण तटबंध को कोई खतरा नही हैं.

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बिहार में बाढ़ (Flood) का कहर जारी है. वहीं, बिहार की कई नदियां अभी भी खतरे के निशान (Danger Mark) से ऊपर है. केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार पटना जिले के गांधी घाट में गंगा नदी का जलस्तर 32 सेंटीमीटर नीचे है. जबकि हाथीदह में भी गंगा का जलस्तर 29 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 8 सेंटीमीटर कमी होने की संभावना है.

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 100 सेंटीमीटर नीचे है. इसके जलस्तर में 6 सेंटीमीटर कमी होने की संभावना है. भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे. भागलपुर के कहलगांव में 61 सेंटीमीटर ऊपर है और साहिबगंज में 89 सेंटीमीटर ऊपर है. फरक्का में ही गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और सभी स्थानों पर जल स्तर में कमी होने की संभावना है.

वहीं, खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 72 सेंटीमीटर ऊपर है.

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