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सारण: सिसोई गांव में घुसा बाढ़ का पानी, सरकार से नाराज ग्रामीणों ने की नारेबाजी

बाढ़ पीड़ित लगातार सरकारी इंतजामों के नाकाफी साबित होने की बात कह रहे हैं. वहीं अधिकारियों की मानें तो प्रशासन मुस्तैद है. हर संभव मदद की जा रही है.

लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा
लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा

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Published : Jul 30, 2020, 4:41 PM IST

सारण: कोरोना के बीच बिहार के कई जिले बाढ़ का दंश झेलने को मजबूर हैं. गोपालगंज में तटबंध टूटने के कारण सारण के कई गांव में बाढ़ का खतरा मंडराता दिख रहा है. तटबंध टूटने के कारण मशरख प्रखंड के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं. करीब 20 गांव पानी से घिरे हुए हैं. इससे प्रभावित ग्रामीणों का गुस्सा अब दिखने लगा है.

सारण सिसोई गांव में बाढ़ का मंजर

दर्जनों इलाकों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय और अस्पताल से टूट गया है. वहीं मसरख थाने से आधे किलोमीटर की दूरी पर सड़क के ऊपर से 3 फीट लगभग पानी तेजी से बह रहा है. मसरख तक जोड़ा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर मोथहा हाई स्कूल के पास भी 4 फीट पानी कटाव करते हुए तेजी से ग्रामीण इलाके में भर रहा है. जिससे लोगों में दहशत व्याप्त है.

एनएच पर शरण लेने को मजबूर बाढ़ पीड़ित

लोगों ने की सरकार के खिलाफ नारेबाजी
मशरख प्रखंड के सिसई गांव के वार्ड नंबर 17 की जनता ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने नीतीश कुमार मुर्दाबाद और प्रधानमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाए. सिसई गांव के लोगों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किसी तरह का सरकारी इंतजाम उन्हें नसीब नहीं है. मसरख प्रखंड का चांद कुदरिया, करण कुदरिया, चांद बरवा,अरणा, लखनपुरा और कमलपुरा गांव जलमग्न हो गया है.

बाढ़ के कारण बाधित हुआ जीवन

ठप हो गया आवागमन
बता दें कि कमलपुरा गांव में दो हाईवे को जोड़ने वाली सड़क पर घोघरी नदी का पानी आने से आवागमन ठप हो गया है. ग्रामीणों की समस्या पर जब मढौरा अनुमंडल पदाधिकारी बिनोद तिवारी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि प्रखंड में 13 सामुदायिक किचन चलाया जा रहा है. एनडीआरएफ की टीम लगी हुई है. डॉक्टर की टीम लगी हुई है. कही किसी को कोई परेशानी नहीं होगी.

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