सारणःबिहार के सारण जिला अंतर्गत गड़खा प्रखंड के रहने वाले प्रणव समेत भारत के पांच युवक (Five Young Man) ईरान में फंसे हुए हैं. सभी युवक एक एजेंट के माध्यम से नौकरी करने ईरान गए थे. आरोप है कि वहां ड्रग्स तस्करी (Drug Smuggling) के झूठे केस में उन्हें फंसा दिया गया. चार सौ दिन बाद जब कोर्ट ने बरी कर दिया, तब उन्हें पासपोर्ट (Passport) समेत कोई भी कागजात नहीं दिया गया. इसके कारण वे अपने वतन वापस नहीं लौट पा रहे हैं. युवकों ने सोशल मीडिया के जरिये भारत सरकार (Indian Government) से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने अपना वीडियो भी शेयर किया है.
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जानकारी के अनुसार, उनके सभी वैध कागजात सरकार और एजेंटों के कब्जे में है, जो उन्हें अब तक नहीं मिला है. इसके कारण उनकी वापसी नहीं हो पा रही है. बताया जाता है कि फरवरी 2019 में भारतीय एजेंट के माध्यम से मर्चेंट नेवी की नौकरी करने दुबई जाने वाले पांच युवकों में सारण के साधपुर निवासी अवधेश तिवारी का छोटा पुत्र प्रणव भी शामिल था. एजेंट द्वारा प्रणव के साथ महाराष्ट्र के दो युवक, उत्तराखंड और तमिलनाडु के 1-1 युवक को मर्चेंट नेवी में नौकरी के लिए भेजा गया था. स्वजनों का कहना है कि एजेंट ने सभी से 5-5 लाख रुपए लेकर उनको दुबई भेजा था.
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दुबई भेजने के लिए उन्हें ईरान जाने वाली शिप पर चढ़ा दिया. 21 फरवरी 2020 को ईरानियन अथॉरिटी ने शिप सहित इन सभी को ड्रग्स स्मगलिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. लगभग 400 दिन ये लोग ईरान की जेल में बंद रहे. 9 मार्च 2021 को ईरान की चाबहार की कोर्ट ने सभी 5 युवकों को निर्दोष मानते हुए रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही इन सभी को इनका सारा वैध दस्तावेज लौटाने का भी आदेश दिया.