छपरा:बिहार विधानसभा चुनाव में वर्चुअल रैली करने के लिए उम्मीदवारों को पहले से चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के अनुरूप प्रबंध करना होगा. दूसरे की आईडी पर वर्चुअल रैली करने पर उम्मीदवारों के चुनाव खर्च के ब्योरे को शामिल किया जाएगा.
सोशल मीडिया का डिटेल
इसके लिए नामांकन करते समय ही प्रत्याशियों को अपनी सोशल मीडिया खासकर फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, डीलिंग टेलीग्राम समेत अनेक डिटेल जमा करना होगा. जिसके माध्यम से वसूली कर सकेंगे. बाद में उन्हें लेने के देने पड़ सकते हैं.
वर्चुअल रैली में हो सकती है परेशानी
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों और राज्य निर्वाचन पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि नामांकन पत्र दाखिल करते समय प्रत्याशियों को अपने सोशल मीडिया के अकाउंट का डिटेल जमा करना होगा. ऐसा नहीं करने वाले प्रत्याशियों को वर्चुअल रैली करने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
चुनावी खर्च में होगा शामिल
इतना ही एक दूसरे के फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट से वसूली करने पर प्रत्याशियों पर गाज गिर सकती है. साथ ही किसी ऐसे का उनका प्रयोग किसी प्रत्याशी की ओर से किया जाता है तो, बिजनेस अकाउंट या उनकी ओर से अपने वर्चुअल रैली को प्रमोट करने के लिए राशि का भुगतान किया जाता है, तो उसे चुनावी खर्च में शामिल करना होगा.
उल्लंघन करने पर कार्रवाई
ऐसा नहीं करने पर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने समेत अन्य कानूनी कार्रवाई निर्वाचन आयोग कर सकती है. इसको लेकर निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया है.
चुनावी खर्च का विवरण
बता दें सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स, लाइक और न्यूज बढ़ाने के लिए उम्मीदवार भुगतान करते हैं. जिस पर निर्माण निर्वाचन आयोग की नजर रहेगी. ऐसा करने वाले प्रत्याशियों को चुनावी खर्च के विवरण में अकाउंट करने के लिए खर्च की गई राशि का विवरण जमा करना होगा. विवरण नहीं देने पर उनके खिलाफ शिकंजा कसेगा.