सारण: बिहार के सारण में पिछले वर्ष निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते एमएलसी सच्चिदानंद राय पर ईडी ने शिकंजा कसा है. स्थानीय निकाय क्षेत्र छपरा से पिछले साल निर्दलीय चुनाव जीतने वाले सच्चिदानंद राय एक जाने-माने बिजनेसमैन हैं. इससे पहले वे लगातार भाजपा से विधान पार्षद भी रहे हैं. पिछले चुनाव में भाजपा द्वारा उन्हें पार्टी का टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. प्रवर्तन निदेशालय ने छापामारी करते हुए सिलीगुड़ी, हावड़ा और आगरा में चिटफंड कंपनियों को खंगाला है और आप जांच बिहार में विधान पार्षद के घर तक पहुंची है.
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निर्दलीय एमएलसी सच्चिदानंद राय पर छापा: 1 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने 794 करोड रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोलकाता, सिलीगुड़ी, हावड़ा और आगरा में जिन चिटफंड कंपनियों को खंगाला है उनमें राय भी साझीदार हैं. 3 दिनों से लगातार चली जांच में ईडी ने पिनकॉन ग्रुप टावर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की दो कंपनियों के करीब 15 ठिकानों पर पहुंचकर जांच की है. ईडी की कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है.
ED की कार्रवाई: पश्चिम बंगाल के पुलिस ने दोनों कंपनियों पर निवेशकों के फर्म से 156 करोड़ और 638 करोड़ रुपए की हेराफेरी के आरोप में एफ आई आर दर्ज की थी. जिसके बाद सीबीआई और कोलकाता पुलिस की प्राथमिकी को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में जांच प्रारंभ की थी. निदेशालय के द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार इन कंपनियों ने उच्च ब्याज दर और कम अवधि में पैसे दोगने करने का लालच देकर छोटे-छोटे निवेशकों से धन जुटाया था. जब इन्हें वापस करने की बारी में कंपनियां रफूचक्कर हो गईं.
794 करोड़ घोटाले का है आरोप: ईडी ने सच्चिदानंद राय के अलावा निदेशक मनोरंजन राय, हरि सिंह, सुब्रति बनर्जी, संजय बसु, मीना डे और रविंद्र चट्टोपाध्याय पर भी शिकंजा कसा है. इसके साथ ही इंद्रजीत और सच्चिदानंद राय के यहां भी छापे मारे गए. जानकारी के अनुसार सच्चिदानंद राय की कंपनी रियल स्टेट ट्रांसपोर्ट आईटी कारोबार से भी जुड़ी हुई है. सच्चिदानंद राय ने आज से कई वर्ष पूर्व बिहार स्टेट ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के साथ साझेदारी कर ईडन ग्रुप नाम से लग्जरी बस सेवा प्रारंभ की थी. लेकिन उसके बाद से अचानक सेवा बंद कर दी गई. इस वजह से ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था.