छपरा:बिहार में शराबबंदी(Liquor Ban in Bihar) को लेकर सरकार खूब दावा करती है लेकिन शराबबंदी के दावों की हवा कैसे निकल जाती है, इसका उदाहरण आज एक बार फिर देखने को मिला. छपरा के नगर पालिका चौक पर शराब पीकर एक रिक्शावाला घंटों सड़क पर पड़ा रहा. बाद में स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, तब जाकर पुलिसकर्मियों ने उसे छपरा सदर अस्पताल इलाज के लिए पहुंचाया.
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मिली जानकारी के अनुसार रिक्शावाले ने इतनी ज्यादा शराब पी ली थी कि वो बिल्कुल भी बोल पाने की स्थिति में नहीं था. उसकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी. बड़ी संख्या में लोग उसको देखकर उधर से पार कर रहे थे. काफी लोगों द्वारा इस तरह अनदेखी करने के कारण उसकी तबीयत काफी खराब हो गई. पुलिस प्रशासन का कोई भी व्यक्ति उस जगह पर नहीं पहुंचा. जब काफी देर तक वो व्यक्ति यूं ही पड़ा रहा, तब कुछ स्थानीय लोगों ने लोकल थाने को खबर की. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस की गाड़ी आई और उसको किसी तरह से लादकर छपरा सदर अस्पताल ले गई
स्थानीय लोगों का कहना है कि रिक्शा चालक काफी देर तक सड़क पर पड़ा था. शराब के नशे में कहीं गिर जाने के कारण उसके सिर में चोट भी लगी है. इस वजह से उसका सिर भी फट चुका था. हालांकि, शराब पीने के मामले पर पुलिस से पूछे जाने पर पुलिस ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
बिहार सरकार की यह सख्ती किस काम की, जब लोग रोज शराब पीकर शराबबंदी की हवा निकाल रहे है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सबसे कड़क मिजाज अफसर केके पाठक को लेकर आए और उनको शराबबंदी का प्रभार सौंपा. लेकिन, केके पाठक भी कहीं ना कहीं शराबबंदी को पूर्ण रूप से बंद करने में असफल रहे. शराबबंदी को लेकर एक तरफ जहां बिहार सरकार काफी सख्त दिख रही है. तरह-तरह के टास्क फोर्स एवम एंटी लिकर का गठन कर शराबबंदी को रोकने का सफल प्रयास भी कर रही है लेकिन शराब पीने के मामले रूकने का नाम नहीं ले रहा है.