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सिवान के सीमावर्ती प्रखंडों में डोर-टू-डोर सर्वे और स्क्रीनिंग का काम शुरू

छपरा में कोरोना मरीजों की जांच के लिए डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है. पल्स पोलियों के अभियान के तहत डोर-टू-डोर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है.

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Published : Apr 19, 2020, 3:33 PM IST

छपरा: डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कोरोना वायरस को लेकर बनियापुर में चल रहे डोर टू डोर सर्वे अभियान का जायजा लिया. डीएम ने सर्वे टीम के सदस्यों से कार्यों के बारे में जानकारी ली. इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी कर्मियों को बेहतर तरीके से कार्य करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान एक भी घर छूटना नहीं चाहिए. प्रत्येक घरों में जाकर लोगों से जानकारी ली जाए और कोरोना संक्रमण के संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग सुनिश्चित कराई जाए.

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एक नई पहल की शुरुआत की गई है. जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले के बनियापुर सहित पांच प्रखंडों में घर-घर जाकर सर्वे और स्क्रीनिंग का कार्य शुरू किया गया है. पड़ोसी जिला सिवान में कोरोना के अधिक पॉजिटिव मामले पाए जाने के बाद सिवान के सीमावर्ती 5 प्रखंडों में शुक्रवार से यह अभियान शुरू हो चुका है.

डोर टू डोर हो रहा सर्वे

इस अभियान में पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर घर-घर जाकर कोरोना संदिग्धों की खोज के लिए सर्वे का कार्य किया जा रहा है. आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका, नर्स और स्वास्थ्य कर्मी की ओर से ये काम किया जा रहा है. बता दें कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया गया है. इसके लिए सभी सर्वे कर्मी और सुपरवाइजरों का प्रशिक्षण भी दिया गया.

जांच में जुटे अधिकारी

371 सर्वे टीम और 136 सुपरवाइजर को जिम्मेदारी
यूनिसेफ के जिला समन्वयक आरती त्रिपाठी ने बताया कि डोर टू डोर सर्वे के लिए पांचों प्रखंडों में टीम का गठन किया गया है. बनियापुर में 103 डोर टू डोर सर्वे टीम तथा 36 सुपरवाइजर, एकमा में 78 सर्वे टीम 29 सुपरवाइजर, लहलादपुर में 30 सर्वे टीम 11 सुपरवाइजर, मांझी में 91 सर्वे टीम 36 सुपरवाइजर, मशरक में 69 सर्वे टीम 24 सुपरवाइजर कार्य में लगाए गए हैं. अभियान के तहत प्रत्येक घरों की मार्किंग करनी है.

संदिग्धों की स्क्रीनिंग एवं टेस्टिंग
सर्वे के दौरान करोना संक्रमण के संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग तथा टेस्टिंग की जा रही है. कोविड फॉर्म 3 और 3 एक में दर्ज आंकड़ों में संदिग्ध लक्षणों के साथ पाए गए व्यक्तियों को क्वारंटाइन करते हुए प्रखंड स्तरीय चिकित्सकों की टीम की ओर से स्क्रीनिंग किया जाना है. संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए सैंपल सैंपल भी लिया जा रहा है.

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