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सोनपुर मेले का आयोजन नहीं होने से लोगों में मायूसी

कोरोना के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने सोनपुर में हर साल लगने वाला हरिहरनाथ मेले का आयोजन इस साल नहीं किया है. मेला नहीं लगने से श्रद्धालुओं और व्यापारियों में मायूसी है. अब 2021 में इस मेले का आयोजन होगा.

सोनपुर मेले का आयोजन नहीं होगा
सोनपुर मेले का आयोजन नहीं होगा

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Published : Dec 2, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 6:06 PM IST

सारण: सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार गंगा और गंडकी नदी के संगम पर हर साल लगने वाले विश्व प्रसिद्ध हरिहरनाथ मेला सोनपुर में इस बार नहीं लगा है. इसको लेकर स्थानीय लोगों से लेकर पूरे बिहार के लोगों में काफी मायूसी है. अब तक के इतिहास में पहली बार ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हुई है जिसमें जिले के सोनपुर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर एक महीने तक चलने वाले इस मेले का आयोजन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते नहीं किया है.

सोनपुर मेले का आयोजन नहीं होगा

मेला ना लगने से व्यापारियों में मायूसी
सोनपुर मेले में आने वाले बड़ी संख्या में व्यापारी और छोटे दुकानदारों की दुकानदारी काफी प्रभावित हुई है. उनके सामने आजीविका की समस्या उत्पन्न हो गई है क्योंकि कई छोटे दुकानदार ऐसे थे जो इसी मेले की एक महीने की कमाई से पूरे साल अपनी आजीविका चलाते थे. लेकिन इस बार कोविड-19 को लेकर इस मेले का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया. जिससे इन छोटे दुकानदारों में काफी मायूसी है.

कोरोना काल में नहीं हुआ आयोजन
गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध हरिहर नाथ बाबा मेला सोनपुर में गंगा और गंडकी नदी के संगम पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से शुरू होता है और लगभग एक महीने तक चलता है. इसमें बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक भी पहुंचते थे. श्रद्धालु बड़ी संख्या में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान कर बाबा हरिहर नाथ का जलाभिषेक करती थी. उसके बाद पूरे मेले का परिभ्रमण किया जाता था. लेकिन इस बार कोविड-19 के संक्रमण के कारण इस मेले का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया.

पशु मेले के नाम से विख्यात है मेला
ये मेला पशु मेले के नाम से विख्यात है जिसमें हाथी, घोड़ा, ऊंट, गाय, भैंस, चिड़िया और बकरी जैसे सभी जानवरों की खरीद बिक्री यहां बड़े पैमाने पर होती थी. लेकिन पिछले एक दो साल से हाथी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिससे इस मेले की रौनक काफी कम हो गई है. वैसे यहां पर बड़ी संख्या में जानवरों की खरीद बिक्री की जाती थी.

2021 में होगा मेले का आयोजन
इस मेले में बड़ी संख्या में पूरे देश से व्यापारी आते थे और अपने स्टाल लगाते थे. शाल, स्वेटर, कंबल, गर्म कपड़ों की इस मेले में बड़ी मात्रा में खरीद बिक्री होती थी. वहीं, इस मेले में लखनऊ और बनारस के साथ आगरा और अन्य जगहों की मिठाइयों के दुकानदार अपनी दुकानें लगाते थे. जबकि कई थियेटर भी इस मेले की रौनक को चार चांद लगाते थे. अगले साल 2021 में इस मेले का आयोजन किया जाएगा फिलहाल लोगों को एक साल और इंतजार करना पड़ेगा.

Last Updated : Dec 15, 2020, 6:06 PM IST

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