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सारण: दिवाली में पटाखा विक्रेता हैं मायूस, बोले-महंगाई की वजह से नहीं बिक रहे पटाखें

दिवाली के लिए शहर में करीब 300 से ऊपर पटाखों की अस्थायी दुकानें भी खुल गई है. बिक्री के लिए बाजार में भारत सरकार के आदेश के बाद इको फ्रेंडली पटाखे भी लाये गए हैं, जिससे धुआं कम निकलेगा और वातावरण को सुरक्षित भी रखेगा.

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Published : Oct 26, 2019, 11:36 PM IST

महंगाई की वजह से नहीं बिक रहे पटाखें

सारण:देश में हर तरफ लोग दिवाली की तैयारियों में जोर-शोर से लगे हैं. लोग बाजारों में मिट्टी से बने दीये, रंग बिरंगी लाइट्स, मिठाईयां और पटाखे खरीद रहे हैं. मार्केट में एक से बढ़कर एक आकर्षक पटाखे दिखने लगे हैं. लेकिन महंगाई की वजह से कई पटाखों की दुकाने खाली पड़ी हैं. इस कारण दुकानदार काफी मायूस हैं.

दिवाली में सजी दुकाने

पटाखे की खरीददारी हुई कम
पटाखा विक्रेता ने बताया कि महंगाई और आर्थिक मंदी से इस साल पटाखे की डिमांड 25 से 30 प्रतिशत तक कम हुई हैं. बीते साल की तुलना में इस बार पटाखे की खरीददारी कम हो रही हैं. वहीं कुछ दुकानदारों का कहना है कि पटाखे की कीमत में पिछले साल की तुलना में इस साल 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. दुकानदारों की मानें तो पटाखा बनाने से लेकर मंगवाने तक में बढ़ोतरी हुई हैं.

महंगाई की वजह से नहीं बिक रहे पटाखें

बाजार लाए गए इको फ्रेंडली पटाखे
दिवाली के लिए शहर में करीब 300 से ऊपर पटाखों की अस्थायी दुकानें भी खुल गई है. बिक्री के लिए बाजार में भारत सरकार के आदेश के बाद इको फ्रेंडली पटाखे भी लाये गए हैं, जिससे धुआं कम निकलेगा और वातावरण को सुरक्षित भी रखेगा. वहीं बच्चों के लिए फुलझड़ी, अनार, रंग बिरंगी रोशनी की चकरी लायी गयी है. दिवाली पर रंगीन फुलझड़ी 120 रुपए, स्पाइनल चरखी 200 रुपए, सिग्नल रॉकेट 150 रुपए प्रति पैकेट बिक रहे हैं.

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