छपराः 'समान काम समान वेतन' की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नियोजित शिक्षक अब सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. इसके लिए शिक्षकों ने बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए 23 मई के बाद सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है.
शिक्षक संघ के अध्यक्ष समरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार ने दोहरी नीति अपनाई है. इस फैसले के लिए वे ही जिम्मेदार हैं. उन्होंने बाबा भीमराव आंबेडकर और महात्मा गांधी के सपने को चूर-चूर कर दिया है. न देश में एकल शिक्षा नीति लागू हो रही है और न ही राज्य में समान काम के बदले समान वेतन नीति. ये कैसा न्याय है?
सरकार के खिलाफ शिक्षकों की नाराजगी 'ये ही चाहते थे नीतीश कुमार'
समरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि न्यायिक बेंच ने वो ही किया जो उनके सामने रखा गया. इसके लिए उनका गुस्सा सुप्रीम कोर्ट पर नहीं नीतीश कुमार के लिए है. बिहार सरकार ने ही हाइकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. इसके बाद हाइकोर्ट के फैसले को पलट दिया गया.
शिक्षा व्यवस्था होगी बाधित
शिक्षकों का कहना है कि 23 मई के बाद शिक्षक एक बार फिर आन्दोलन शूरू करेंगे. बिहार सरकार की दोहरी नीति के कारण राज्यभर की सभी सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य बाधित होगा. जब तक बिहार सरकार इनकी लंबित मांगो को नहीं मानती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा और वे सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था. इसी को लेकर नियोजित शिक्षक काफी गुस्से में हैं.