बिहार

bihar

ETV Bharat / state

सारण: बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द, अधर में लटका छात्रों का भविष्य

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय से सम्बद्ध राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान छपरा की मान्यता रद्द कर दी है.बीएड कॉलेज में प्राध्यापकों की कमी और ढांचागत सुविधाओं की कमी के बाद ये निर्णय लिया गया है.

राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान छपरा

By

Published : Apr 4, 2019, 1:42 PM IST

सारण: राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय से सम्बद्ध राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान छपरा की मान्यता रद्द कर दीहै. साथ ही 2019-21 सत्र के लिए नामांकन पर भी रोक लगा दी है. राजकीय बीएड कॉलेज में प्राध्यापकों की कमी और ढांचागत सुविधाओं की कमी को लेकर कई बार पत्राचार करने के बाद ये निर्णय लिया गया है.

जनवरी, फ़रवरी व मार्च में कई बार नोटिस जारी करने के बाद ही एनसीटीई ने कठोर कदम उठाया है. प्राध्यापकों से बार-बार नोटिस के माध्यम से कमी व सुविधाओं से संबंधित जानकारी मांगी गई थी. लेकिन कोई जबाब नहीं मिलने पर राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान सहित बिहार के कई नामचीन बीएड कॉलेजों की मान्यता को रद्द करने का फैसला लिया गया है.


गेस्ट टीचरों को बहाल करने की प्रक्रिया जारी
राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान कीप्राचार्य डॉ दीपा रानी साहू ने बताया कि शिक्षकों की कमी को एक सप्ताह के अंदर पूरा करने के बाद इसकी अधिकारिक सूची को एनसीटीई को भेज दी जाएगी. प्राध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए गेस्ट टीचरों को बहाल करने की प्रक्रिया चल रही है.


अन्य बीएड कॉलेजों की अपेक्षा बहुत कम है शुल्क
बीएड कॉलेज में नियमित रूप से सत्रों का संचालन किया जाता है. इसके तहत 2018-20 सत्र में 85 छात्रों का नामांकन किया गया है. सरकारी कॉलेज होने के कारण यहां मात्र 24000 हजार रुपये में दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को पूरा किया जाता है. कॉलेज की मान्यता रद्द हो जाने से 2019-21 सत्र के लिए छात्रों का नामांकन नहीं होगा. इस कारण से कमजोड़ वर्ग के छात्रों को काफी परेशानी हो सकती है. क्योंकि इस कॉलेज में जेपीयू से सम्बद्ध अन्य बीएड कॉलेजों की अपेक्षा शुल्क बहुत कम है.

प्राचार्य का बयान


एनसीटीई ने मांगा था ब्यौरा
मालूम हो कि सारण प्रमंडल का एक मात्र सरकारी बीएड कॉलेज है जो जयप्रकाश विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है. एनसीटीई ने रद्द करने से पहले भी उपलब्ध प्राध्यापकों का ब्यौरा मांगा था. लेकिन कॉलेज के लापरवाही के कारण समय पर शिक्षकों की सूची उपलब्ध नहीं कराये जाने के बाद और छात्रों के अनुपात में प्राध्यापकों के नहीं होने के कारण मान्यता रद्द करने की अनुशंसा कर दी गई.


जल्द होगी शिक्षकों कीप्रतिनियुक्ति
कॉलेज के प्राचार्या का कहना है कि अभी मात्र पांच शिक्षक ही हैं. जबकि, छात्रों के संख्या के आधार पर 15 प्राध्यापकों का होना अनिवार्य है. नियमित पांच शिक्षकों के अलावा इंटर कॉलेजों के शिक्षकों कीप्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसे एक सप्ताह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details