सारण:जिले में मंगलवार को राजेंद्र बाबू की जयंती के अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इसी क्रम में जिला स्कूल में डॉ. राजेंद्र प्रसाद का सम्मान समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में जिला स्कूल के छात्र-छात्राओं और अध्यापकों को सारण डीआईजी विजय कुमार वर्मा ने सम्मानित किया. मौके पर सम्मान समारोह में जिला स्कूल के सभी टीचर और स्कूली बच्चे उपस्थित रहे.
सारण: डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के मौके पर जिला स्कूल में सम्मान समारोह का आयोजन - Dr. Rajendra Prasad
कार्यक्रम का शुभारंभ सम्मानित अतिथियों ने राजेंद्र बाबू के चित्र पर माल्यार्पण कर किया. इसके बाद छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया.
स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति
कार्यक्रम का शुभारंभ सम्मानित अतिथियों ने राजेंद्र बाबू के चित्र पर माल्यार्पण कर किया. इसके बाद छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया. गौरतलब है कि राजेन्द्र बाबू इसी विद्यालय के छात्र थे. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा यहीं रहकर हासिल की और आगे की उच्च शिक्षा के लिये पटना चले गए. डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष थे. स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनने का गौरव भी उन्हें प्राप्त हुआ. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद लगभग 12 साल तक राष्ट्रपति के पद पर आसीन रहे.
'परिवार का भी झेलना पड़ा विरोध'
वहीं, डीआईजी विजय कुमार वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि राजेंद्र बाबू का जीवन हमेशा प्रेरणा देता है. राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए भी उनके लिए सादगी, ईमानदारी, कर्तव्य और निष्ठा ही सर्वोपरि रहा. उन्होंने किसी भी परिस्थिति में कभी समझौता नहीं किया. जमींदारी प्रथा खत्म करने को लेकर उनको अपने परिवार का भी विरोध झेलना पड़ा. हालांकि, इससे विचलित न होकर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ उन्होंने कानून लागू कराया.