छपराःशहर के स्नेही भवन धर्मशाला के निर्माण में वित्तीय अनियमितता को लेकर स्थानीय अदालत में एक केस दर्ज किया गया है, जिसमें छपरा के विधायक डॉ. सीएन गुप्ता सहित चार अन्य व्यक्तियों के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया गया. इस मामले में जिलाधिकारी से भी संज्ञान लेने की बात कही गई है. कोर्ट में ये मामला स्नेही भवन ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक डॉ. अश्वनी गुप्ता ने दर्ज कराया है.
आधुनिकतम धर्मशालाओं में से एक है स्नेही भवन
दरअसल, पूरा मामला छपरा के भगवान बाजार स्थित भाजपा विधायक डा सीएन गुप्ता के आवास और उनके फॉर्म आरआर लैबरोटरी के बगल स्थित छपरा के स्नेही भवन धर्मशाला से जुड़ा हुआ है. करीब 20 साल पहले हुए इस भवन के निर्माण में लाखों रुपये खर्च किये गये थे. ये छपरा शहर के आधुनिकतम धर्मशालाओं में से एक था. कहने को ये धर्मशाला है, लेकिन शादी विवाह के लिए इस धर्मशाला की बुकिंग लगभग छः महीने पहले से ही हो जाती है.
बयान देते ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक डा.अश्वनी गुप्ता और विधायक डा. सी एन गुप्ता विधायक अपनी मर्जी से चलाते हैं धर्मशाला
स्नेही भवन ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक डा.अश्वनी गुप्ता ने विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस धर्मशाला के निर्माण से लेकर अब तक की सारी जिम्मेदारी डॉ. सीएन गुप्ता के पास ही है. वही इसके आय और व्यय का हिसाब-किताब रखते हैं. पूर्व संरक्षक डॉ. अश्वनी गुप्ता ने ये भी कहा कि आज तक विधायक अपनी मर्जी से इस धर्मशाला की कमाई को अपने हिसाब से खर्च करते रहे हैं. नियमानुसार उन्होंने तैलीक वैश्य समिति की कार्यकारणी का गठन भी अपने तरीके से कर लिया. वे इसके आय और व्यय का कोई भी हिसाब-किताब किसी को नहीं देते हैं. जबकि उनको इस जगह की आय-व्यय का पूरा लेखा-जोखा कार्यकारणी को देना चाहिए.
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निराधार और बेबुनियाद हैं आरोप- विधायक
वहीं, छपरा के विधायक ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद हैं. जहां तक स्नेही भवन का सवाल है, तो इसके पहले वो लोग कहां थे, जब मैं पूरे देश से इस भवन को बनाने के लिए चन्दा इकट्ठा करके लाया और इसका निर्माण कराया. विधायक डा. गुप्ता ने बताया कि बात ये है कि उनके सभी लोग चुनाव में हार गये हैं. इसीलिए वो इस तरह के आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी काम में टेंडर होता है, प्राइवेट काम में नहीं. हम इस मामले में कोर्ट में अपनी बात रखेंगे और उन लोगों के खिलाफ अवमानना का मुकदमा भी दर्ज कराएंगे.