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सारण में शह और मात का खेल शुरू, बूथ तक वोटरों को पहुंचाने की तैयारी में जुटे नेता - chhapra

यहां भाजपा के मुकाबले राजद विधायकों की संख्या अधिक है. वहीं इस लोकसभा सीट पर लगभग चार लाख यादव मतदाता हैं. जबकि राजपूत मतदाता की संख्या लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा है.

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Published : May 5, 2019, 5:59 PM IST

छपरा:सारण में शह और मात का खेल शुरू हो चुका है. कल यहां पांचवें चरण की वोटिंग होनी है. ऐसे में दोनों दलों के नेताओं के बीच मंथन का दौर जारी है. नेता और कार्यकर्ता अब रणनीति के तहत वोटरों को बूथ तक ले जाने के लिये भीषण गर्मी में भी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं ताकि उनका प्रत्याशी लोक सभा तक पहुंचे. वहीं कार्यकर्ता शाम-दाम दंड-भेद सभी का इस्तेमाल करके बूथ मैनेज करने का प्रयास कर रहे हैं.

कौन-कौन हैं आमने-सामने
यहां एक तरफ भाजपा नेताओं को सारण का किला बचाये रखने की बड़ी चुनौती है. तो वहीं लालू प्रसाद यादव के समधी इस सीट पर लालटेन की रौशनी में लोकसभा पहुंचने के लिये जी जान से प्रयास कर रहे हैं. भाजपा भी अपना गढ़ बचाने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर भाजपा के प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर चुके हैं.

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राजद ने झोंकी ताकत

राजद की तरफ से पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जीतनराम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा समेत कई नेता राजद प्रत्याशी चंद्रिका राय के पक्ष में रोड शो कर चुके हैं. सारण जिले की बात करें तो यह जिला सरयू, घाघरा और गंडक नदी से घिरा हुआ है.

किसके कितने विधायक

वहीं अगर यहां की 6 विधानसभा सीटों पर वर्तमान विधायकों की बात की जाये तो परसा से वर्तमान विधायक चन्द्रिका राय राजद, मढ़ौरा से जितेन्द्र राय राजद, गडखा से मुनेश्वर चौधरी राजद, सोनपुर से रामानुज प्रसाद सहित राजद के चार विधायक हैं. वहीं छ्परा से भाजपा विधायक सीएन गुप्ता बीजेपी और अम्नौर से शत्रुघन तिवारी भाजपा के हैं.

सारण का जातीय समीकरण

यहां भाजपा के मुकाबले राजद विधायकों की संख्या अधिक है. वहीं इस लोकसभा सीट पर लगभग चार लाख यादव मतदाता हैं. जबकि राजपूत मतदाता की संख्या लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा है. उसके बाद वैश्य और मुस्लिम मतदाता करीब सवा दो लाख और अन्य सवर्ण मतदाताओं की संख्या भी दो लाख है.

मतदाताओं की संख्या

जातीय समीकरण के हिसाब से सारण संसदीय क्षेत्र में रघुवंशी और यदुवंशी बड़ा फैक्टर माना जाता है. वहीं इस सीट पर जिस जाति की गोलबंदी जिस उम्मीदवार के पक्ष में होगी. जीत का सेहरा उसी के सिर सजेगा. वहीं राजीव प्रताप रूडी को जातीय समीकरण के बाद अपने किए कार्य पर भरोसा है. वहीं लालू यादव की अनुपस्थिति में सहानुभूति वोट पाकर राजद प्रत्याशी यह सीट जीत लेना चाहते हैं. सारण के चुनावी समर में इस बार कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. कुल 16 लाख 61 हजार 620 मतदाता इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे.

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