सारण: राज्य सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने के लाख प्रयास करे लेकिन उसकी तमाम कोशिशों को नाकाम किया जा रहा है. किस तरह से शिक्षक मनमानी कर रहे हैं इसका, उदाहरण देखने को मिला सारण के एकमा प्रखंड में केसरी गांव (Ekma Block In Saran) के राजकीय मध्य विद्यालय (Angry People Closed School In Saran) का है. केसरी गांव के एक स्कूल में शिक्षक के लेट आने से बच्चों को घंटों स्कूल के बाहर खड़े होकर ताला खुलने का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में स्थानीय लोगों ने विद्यालय में ताला जड़ा और हंगामा करने लगे.
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स्थानीय नागरिकों ने शनिवार को स्कूल का ताला खुलने ही नहीं दिया. बच्चे सुबह 9 बजे से ही स्कूल के सामने खड़े होकर मास्टर साहब का इंतजार करते रहे. छात्रों के लिए यह कोई पहली घटना नहीं है. बच्चों को रोज मास्टर साहब का इसी तरह से इंतजार करना पड़ता है. रोज ही बच्चे सुबह 9:00 बजे अपने नियत समय पर स्कूल पहुंच जाते हैं जबकि, मास्टर साहब लेटलतीफी के कारण आराम से 10 या फिर 11 बजे स्कूल पहुंचते हैं. इस बात को लेकर स्थानीय नागरिकों में काफी रोष था.
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हर रोज शिक्षक विद्यालय में आराम से पहुंचते थे. ऐसे में ग्रामीणों ने एक साथ स्कूल पहुंचकर मेन गेट पर ताला जड़ दिया. 10:22 बजे स्कूल के शिक्षक अली जान वहां पहुंचे तो, ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर था. उसके बाद एक और शिक्षक सत्येंद्र पांडे मौके पर पहुंचे. दोनों को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा.