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ABVP ने किया JPU कुलपति का घेराव, विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी - patna latest news

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) ने स्नातकोत्तर और बीएड के रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर कुलपति प्रोफेसर फारूक अली का विश्वविद्यालय कैंपस में घेराव किया. इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई.

विद्यार्थी परिषद का जेपीयू  कुलपति का विरोध
विद्यार्थी परिषद का जेपीयू कुलपति का विरोध

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Published : Feb 25, 2022, 6:30 PM IST

छपराःअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषदऔर आरएसए के कार्यकर्ताओं ने लगातार दूसरे दिन भी कुलपति प्रोफेसर फारूक अली (Vice Chancellor Professor Farooq Ali) और परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर डॉक्टर अनिल कुमार सिंह का विश्वविद्यालय कैंपस में घेराव (Protest Against JPU Vice Chancellor In Chapra) किया. इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इस दौरान छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी बातें नहीं सुनी गईं, तो वो लोग अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

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कुलपति का घेराव कर रहे छात्रों ने बताया कि स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर सत्र 2018-20 और 2019-21 बीएड सत्र 2020-22 प्रथम खंड का रिजल्ट का प्रकाशन किया गया है. जिसमें एक ही पेपर CC paper -1 में जानबूझकर प्रमोटेड कर दिया गया है. यूएमआईएस और विश्वविद्यालय की गलतियों के कारण रिजल्ट में भारी गड़बड़ी हुई है. जिसकी जांच को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित कई संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा आंदोलन किया जा रहा है.

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बता दें कि विश्वविद्यालय कैंपस में कुलपति कक्ष के गेट पर 24 फरवरी को ही कई संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा आंदोलन प्रारंभ किया गया था. इसे लेकर कुलपति और परीक्षा नियंत्रक ने वार्ता की लेकिन वो विफल रही. विश्वविद्यालय की गड़बड़ी को छुपाने के लिए बेतुका तर्क दिया गया. जिससे संगठन के छात्र नेताओं ने बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी दी.

छात्र नेताओं का कहना है कि जब तक पीड़ित छात्र- छात्राओं को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वहीं कई सालों से डीएसडब्ल्यू समेत कई महत्वपूर्ण पद खाली है. छात्र -छात्राओं की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है. कुलपति कई नीतिगत निर्णय अवैध तरीके से ले रहे हैं. आंदोलनकारी छात्र-छात्राएं कुलपति कार्यालय को बंद कर विरोध करते रहे. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई भी पदाधिकारी वार्ता करने के लिए नहीं पहुंचा.

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