सारण (छपरा):सारण वन प्रमंडल (Saran Forest Division) में विभाग में अधिकारियों की लापरवाही से कई चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की जिंदगी में अंधेरा पसर गया है. कर्मचारियों द्वारा इस संबंध में गुरूवार को यह कहा गया कि सरकार के नियम के अनुसार सभी कर्मचारियों का वेतन का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया जाना है लेकिन यहां पर सरकार के इस नियम की वन विभाग द्वार खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है.
ये भी पढ़ें:बिहार का नया टूरिस्ट अट्रैक्शन बनेगा ये वन्यजीव अभयारण्य, प्राकृतिक सौंदर्य के साथ धार्मिक रूप से भी है समृद्ध
सारण जिले में सरकार के नियम की धज्जियां उड़ाते हुए चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को सादे कागज पर पेमेंट का भुगतान कर दिया जा रहा है. जबकि नियमानुसार यह पूरी तरह से गलत है. इसके साथ ही कई वर्षों से वन प्रमंडल के कर्मचारी अपने नियोजन के लिए हाईकोर्ट तक जा चुके हैं लेकिन अभी तक स्थाई समायोजन करने के संबंध में कोई भी कार्यवाही वन विभाग के द्वारा नहीं की गई है और आज भी इन्हें दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में ही रखा गया है.
सारण में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी इसके साथ ही इन कर्मचारियों को महीने में मात्र 26 दिन का ही भुगतान किया जाता है. उसमें भी यह भुगतान पिछले एक साल से नहीं किया गया है. जिसके कारण इन कर्मचारियों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. इसको लेकर गुरूवार को इन कर्मचारियों ने एक बैठक का आयोजन किया. जहां कर्मचारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया (Employees Gave Ultimatum To Government) कि, अगर 15 दिसंबर तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं, उन्हें स्थाई नहीं किया गया और वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है तो 16 दिसंबर से वे आंदोलन का रुख अख्तियार करेंगे.
ये भी पढ़ें:जमुई: जंगल से निकलकर गांवों में घुसा हाथियों का झुंड, वन विभाग ने लोगों को किया सतर्क
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP