सारण शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अभय सिंह सारणः बिहार के छपरा में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ जांच (Chhapra Education Department) अब तक पूरी नहीं हुई, जबकि यह जां 2016 से चल रही है. वहीं खबर आ रही है कि जिले के 1900 नियोजित शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. इसको लेकर शिक्षक संघ में आक्रोश व्याप्त है. सारण शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि निगरानी शिक्षकों को परेशान कर रही है. जो फर्जी शिक्षक थे वे इस्तीफा दे चुके हैं, फिर भी जानबुझकर परेशान किया जा रहा है. (Action on teachers in Chhapra)
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कोर्ट का आदेश नहीं मान रहा विभागः कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षकों को बार-बार टॉर्चर किया जा रहा है. वहीं हाई कोर्ट के निर्देश पर निगरानी विभाग में कई बार शिक्षकों की बहाली से संबंधित फोल्डर की डिमांड की लेकिन जिले के डीपीओ ने फोल्डर उपलब्ध नहीं कराया. कई शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज भी हुई लेकिन अभी तक तमाम कागजात उपलब्ध नहीं कराए गए हैं.
कागजात आधे-अधूरेःइस्तीफा देने वाले फर्जी प्रमाण पत्र धारक किसी अन्य योजना इकाई के माध्यम से दूसरे स्कूल में काम तो नहीं कर रहे हैं. निगरानी ब्यूरो ने अब तक लगभग 16000 शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों के प्रमाण पत्र की जांच की है. इनमें से सभी के प्रमाण पत्र से संबंधित फोल्डर निगरानी ब्यूरो को मिल चुके हैं लेकिन 1900 फोल्डर ऐसे हैं जिनके कागजात आधे अधूरे हैं. इसी मामले में जांच चल रही है.
"इस विषय में शिक्षक दोषी कहां है, इस विषय में नियोजन इकाई दोषी है. उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि कोर्ट के निर्देश पर निगरानी विभाग में कई बार शिक्षकों की बहाली से संबंधित फोल्डर की डिमांड की गई लेकिन उपलब्ध नहीं कराया गया. शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है."-अभय सिंह, शिक्षक नेता, सारण