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छपरा ने जीता हंगरी के विक्टर का दिल, बोले- 7 हफ्तों से फंसा हूं, मिल रही है मदद - sadar hospital chhapra

दुनिया को साइकिल से नापने निकले विक्टर भारत भ्रमण पर थे कि इसी दौरान छपरा पहुंचते ही लॉकडाउन लागू हो गया. विदेशी होने के चलते उन्हें आइसोलेटेड कर दिया गया. अब विक्टर को लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार है.

ईटीवी भारत की खबर
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Published : May 19, 2020, 1:57 PM IST

Updated : May 19, 2020, 5:33 PM IST

छपरा: जारी लॉकडाउन में जहां विदेशों में भारतीय फंसे हुए हैं तो वहीं, भारत में भी कई विदेशी अपने देश जाने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसा ही एक विदेशी युवक छपरा के सदर अस्पताल में है, जो इस इंतजार में है कि कब लॉकडाउन खत्म होगा और वो अपने देश वापस लौट पाएगा.

सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड को अपना अशियाना बना चुके यूरोपीय देश हंगरी के रहने वाले विक्टर जिचो लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. दरअसल, विक्टर साइकिल से पूरी दुनिया नापना चाहते हैं. इसके चलते उन्होंने भ्रमण शुरू किया. अपनी यात्रा के दौरान विक्टर भारत भी साइकिल से पहुंचे. लेकिन कोरोना ने उनकी साइकिल के पैडल पर ऐसी ब्रेक लगाई कि वो भारत में ही फंस गए.

छपरा से पकंज की खास रिपोर्ट

कोरोना नेगेटिव हैं विक्टर
विक्टर के मुताबिक, जब भारत में कोरोना ने दस्तक दी तब वो यूपी-बिहार के बॉर्डर पर थे. पहले लॉकडाउन के दौरान जब वो अपनी साइकिल से छपरा से गुजर रहे थे. तभी स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. और उन्हें आइसोलेशन वार्ड भेज दिया गया, जहां उनका कोरोना टेस्ट किया गया. इस टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

कुछ ऐसे जारी है फोटोग्राफी

सामान हो गया था चोरी
सदर अस्पताल के आइशोलेशन वार्ड में अकेले रह रहे विक्टर के कीमती सामान पर मौका मिलते ही चोरों ने हाथ साफ कर दिया था. चोरों ने उनका कैमरा, कीमती लैपटॉप, मोबाइल, पासपोर्ट और नकदी चोरी कर ली थी. लेकिन पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुये सभी सामानों को बरामद कर लिया और उन्हें वापस लौटा दिया गया. इस घटना में चोरों ने विक्टर के पासपोर्ट को जला दिया.

खुद को फिट रख रहे हैं विक्टर

ताजा आम के दीवाने हैं विक्टर
अपना सामान वापस पाकर विक्टर बेहद खुश हुए. इसके लिए उन्होंने सारण पुलिस का शुक्रिया अदा किया. विक्टर विश्वभर में फैले कोरोना के प्रकोप पर चिंता जाहिर कर रहे हैं. भारतीय खाने को लेकर वो कहते हैं कि उन्हें यहां का बटर चिकन और बटर पनीर बेहद पसंद आया. फलों में ताजा आम उन्हें बहुत पसंद है, जो ग्रामीणों ने उन्हें दे चुके हैं. बता दें कि अस्पताल प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोग विक्टर की पूरी मदद कर रहे हैं.

'छपरा के लोग अच्छे'
विक्टर कहते हैं कि वो सात हफ्तों से यहां फंसे हैं. लोग उनकी मदद कर रहे हैं. सभी अच्छे हैं. छपरा भी अच्छा है.घर वापसी को लेकर विक्टर का कहना है कि अब उन्हें लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार है. यहां से वो वापस दार्जिलिंग जाएंगे. उसके बाद अपने देश हंगरी.

Last Updated : May 19, 2020, 5:33 PM IST

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