सारण: जिले के जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल के सभागार में 77वें अगस्त क्रांति दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के भोजपुरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जयकांत सिंह जय मौजूद थे.
अंग्रेजों से लड़ने के लिए करो या मरो का नारा
प्रो. जयकांत सिंह जय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजी हुकूमत ने भारतीयों से कहा था कि आप मुझे लड़ाई में सहयोग करें. उसके बाद भारत को आजाद कर देंगे. लेकिन युद्ध की समाप्ति के बाद वो अपने वायदे से मुकर गए. जिसको लेकर अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से लड़ने के लिए करो या मरो का नारा दिया था. वहीं वीरकुंवर सिंह विश्वविद्यालय भोजपुर के विभागाध्यक्ष प्रो दिवाकर पाण्डेय ने कहा कि क्रांति की शुरूआत तो बहुत पहले ही हो गई थी. लेकिन 9 अगस्त 1942 को करो या मरो का नारा दिया गया था. इसीलिए हमलोग 9 अगस्त को ही क्रांति दिवस के रूप में मनाते हैं.