छपरा:आज से दस वर्ष पूर्व सारण जिले के धर्मा सती गंडामन गांव के प्राथमिक विद्यालय के 23 बच्चों की मिड डे मील खाने से मौत हो गई थी, जबकि 25 से ज्यादा बच्चे जिंदगी और मौत की लड़ाई में विजय प्राप्त कर वापस लौट आए थे. आज उन्हीं 23 बच्चों की दसवीं बरसी है. यह घटना 16 जुलाई 2013 को हुई थी. आज रविवार को इस घटना की दसवीं बरसी मनाई गई. दस साल पहले 16 जुलाई 2013 को हुई. इस घटना में कई घरों के चिराग असमय बुझ गए थे.
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छपरा में 23 बच्चों की मौत की 10वीं बरसी: बच्चों की याद में गांव में स्मारक स्थल का निर्माण कराया गया है. गंडामन गांव में जिन घरों के चिराग बुझ गए, उनके घर एक बार दसवीं बरसीं पर फिर मातम का दौर है. इस हृदय विदारक घटना की यादें ताजा होते ही गांव के हर लोगों की आंखें नम हो जा रही हैं. करीब-करीब हर दूसरे घर के बच्चे को इस घटना ने लील लिया. रविवार को इस घटना की दसवीं बरसी पर बच्चों के स्मारक पर एक बार फिर सभी एकत्रित हुए और फूल-माला चढ़ाकर हवन पूजन कर अब कभी नहीं लौटने वाले अपने लाडले को प्यार-दुलार देकर श्रद्धांजलि दी.
16 जुलाई 2023 को क्या हुआ था?:आपको बताएं कि 16 जुलाई 2013 को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे मासूम बच्चे खाना मिलने का इंतजार कर रहे थे. रसोइया ने एक बच्चे को स्कूल की प्रधान शिक्षिका मीना देवी के घर से सरसों तेल लाने को भेजा. सरसों तेल के डिब्बे के पास ही छिड़काव के लिए तैयार कीटनाशक रखा था. बच्चे ने तेल के बदले कीटनाशक का घोल लाकर दे दिया, जो बिल्कुल सरसों तेल जैसा ही था. रसोइया जब सोयाबीन तलने लगी तो उसमें से झाग निकलने लगा. उसने इसकी शिकायत एचएम मीना देवी से की.
ध्यान दिया होता तो बच जाती जान!:मीना देवी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उसके बाद जब खाना बनकर तैयार हो गया और बच्चों को दिया गया तो बच्चों ने खाने का स्वाद खराब होने की शिकायत की थी. जानकारी के मुताबिक बच्चों की शिकायत को नजरअंदाज करते हुए मीना देवी ने डांटकर भगा दिया था. कुछ देर बाद ही बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गई. इसके बाद देखते ही देखते 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया. विद्यालय की रसोइया और 25 बच्चे पीएमसीएच में कठिन इलाज के बाद वापस गांव आ पाए थे.