समस्तीपुर:भूखे प्यासे हजारों किलोमीटर पैदल अपने गांव लौटे प्रवासी मजदूर फिर रोजगार की तलाश में घर से दूर जाने को विवश हैं. इसलिए क्योंकि अपने राज्य में इन्हें ना तो काम मिला और ना ही खाने पीने की व्यवस्था हुई.
जिले के विभिन्न ब्लॉक में प्रवासी मजदूरों का हाल देखें तो, काम के अभाव में अब वे फिर अपने गांव को छोड़ने की तैयारी में हैं. दरअसल, सरकारी सहायता जहां ऊंट के मुंह मे जीरा की तरह है, वहीं, गांव घर मे कोई काम नहीं मिलने से की दिनों से इनके घरों के चूल्हे में आग नहीं जली.
मजदूरों के सामने समस्या
दरअसल, कोरोना काल में विभिन्न राज्यों से बेरोजगार होकर बड़ी मुश्किल से लौटे इन मजदूरों को यह आस थी कि अब उन्हें अपने गांव घर में रोजी रोटी को लेकर कुछ रोजगार जरूर मिलेगा. सब कुछ गवां कर अपने घर पहुंचे इन लोगों की यह आस अब टूटने लगी है.
चूल्हे में जली कई दिनों से आग पूरे जिले में यही हालात
वैसे इस तरह के हालात जिले के किसी एक गांव के प्रवासियों के साथ नहीं कमोवेश पूरे जिले में कुछ ऐसे ही हालात हैं. सरकारी सहायता के नाम पर कुछ चावल गेंहू इन्हें जरूर मिल रहे, लेकिन बिना किसी काम के ये प्रवासी अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर सकते हैं.