समस्तीपुर: सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था को लेकर किए जाने वाले दावे और धरातल पर उसकी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी खानपुर प्रखंड के सादीरपुर घाट स्थित मध्य विद्यालय में देखी जा सकती है. इस स्कूल में एक शिक्षक एक साथ 150 से ज्यादा बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इस संख्या से स्कूल में होनी वाली पढ़ाई का अंदाजा लगाया जा सकता है.
नीतीश सरकार में शिक्षा व्यवस्था का हाल, बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं छात्र
स्कूल में 700 से ज्यादा बच्चे नामांकित हैं. वहीं, उन्हें पढ़ाने के लिए महज पांच शिक्षक ही हैं. यानी की एक शिक्षक के ऊपर 150 से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी है. साफ शब्दों में कहा जाए तो स्कूल में मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
स्कूल में उड़ाई जा रही मानकों की धज्जियां
जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सादीरपुर घाट मध्य विद्यालय में बच्चे राम भरोसे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इस स्कूल में 700 से ज्यादा बच्चे नामांकित हैं. वहीं, उन्हें पढ़ाने के लिए महज पांच शिक्षक ही हैं. यानी की एक शिक्षक के ऊपर 150 से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी है. वहीं, मानक के अनुसार एक शिक्षक केवल चालिस बच्चों को ही पढ़ा सकता है. साफ शब्दों में कहा जाए तो स्कूल में मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
बोरे पर बैठकर पढ़ रहे बच्चे
सूबे की नीतीश सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए लाखों रूपये खर्च कर रही है. शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई दावे किए जाते हैं. लेकिन सादीरपुर घाट स्थित मध्य विद्यालय में सैंकड़ो बच्चे बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. यहां कक्षा 7 और 8 के लिए बेंचेस हैं लेकिन कक्षा 6 के 165 से ज्यादा बच्चे बोरे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. ऐसे में सिस्टम पर आवाज उठना लाजमी है. वैसै स्कूल की इस दशा पर यंहा के शिक्षक भी आहत हैं. कई बार वह अधिकारियों तक इसकी शिकायत भी कर चुके हैं. लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने स्कूल की ओर ध्यान नहीं दिया.