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Kusth Colony Samastipur: 'बापू की पुण्यतिथि पर याद करते हैं फिर भूल जाते हैं'- कुष्ठ कॉलोनी के लोगों का छलका दर्द - leprosy patients not getting official scheme

Samastipur News दुनियाभर में हर साल 29 जनवरी को और भारत में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी को विश्व कुष्ठ दिवस मनाया जाता है. लोगों को जागरूक करने के साथ ही कुष्ठ से पीड़ित लोगों की मदद के लिए सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा जाता है. लेकिन समस्तीपुर के कुष्ठ कॉलोनी की तस्वीर आज तक नहीं बदली. 24 परिवारों की बेबसी और लाचारी पर आज तक किसी का ध्यान नहीं गया.

समस्तीपुर कुष्ठ कॉलोनी के लोगों का हाल बुरा
समस्तीपुर कुष्ठ कॉलोनी के लोगों का हाल बुरा

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 30, 2023, 2:57 PM IST

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समस्तीपुर:महात्मा गांधी कुष्ठ रोगियों के प्रति स्नेह और दया का भाव रखते थे. इसे ही ध्यान में रखते हुए वर्ल्ड लेप्रोसी डे को भारत में 30 जनवरी को मनाया जाता है. कुष्ठ से ग्रसित लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले इसकी कोशिशें जारी हैं. वहीं बिहार केसमस्तीपुर शहर से सटे मालगोदाम के पास स्थित कुष्ठ कॉलोनी की दशा आज तक नहीं सुधरी है.

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कॉलोनी में रहते हैं 24 परिवार: दशकों पूर्व कुष्ठ पीड़ितों के लिए शहर के अंतिम छोर पर इस बस्ती को बसाया गया था. यहां कुष्ठ पीड़ित लोग रहते हैं. लंबे समय से इलाके के लोग गरीबी और मुफलिसी के बीच जिंदगी गुजार रहे हैं. इनका कहना है कि कोई भी सरकारी नुमाइंदा आज तक इनको देखने नहीं आया. नेता भी चुनाव के समय ही दर्शन देते हैं.

कुष्ठ कॉलोनी के लोगों को नहीं मिल रहा लाभ: कुष्ठ कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि कोई भी सरकारी सुविधा उन्हें नहीं मिल रही है. जानकारी के अनुसार माल गोदाम चौक स्थित 1991 में कुष्ठ आश्रम के नाम से बसे कॉलोनी में रहने वाले 24 परिवार और 70 लोगों को सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है. सरकारी सुविधा के नाम पर इनका सिर्फ राशन कार्ड बना हुआ है.

नहीं मिला रहा सरकारी योजनओं का लाभ

पानी, बिजली.. सब नदारद: मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत सभी गांव के घरों में नल जल योजना का लाभ दिया गया है, लेकिन इस योजना का लाभ यहां कुछ कॉलोनी में रहने वाले लोगों को नहीं दी जा रही है. इस कॉलोनी के लोगों के घरों में ना तो बिजली पहुंच रही है और ना ही उनके लिए शौचालय बना है. पीने के नाम पर एक चापाकल है. इस चापाकल के सहारे 24 परिवार रहते हैं.

लोगों ने बतायी अपनी पीड़ा: कुष्ठ कॉलोनी में रहने वाली गीता देवी एवं बबीता देवी ने बताया कि इन लोगों को इंदिरा आवास, नल जल योजना सहित अन्य सरकारी सुविधाएं भी नहीं दी गई हैं. जिसके कारण यह लोग भगवान भरोसे अपनी जिंदगी गुजर बसर करने को विवश हैं.

"पानी और घर की परेशानी है. बारिश होने पर पन्नी से बचते हैं. वृद्धा पेंशन भी नहीं मिलता है. कोई देखने नहीं आता है."- सीता देवी, स्थानीय

"पानी की परेशानी है. शौचालय की व्यवस्था नहीं है. चुनाव के समय वादे किए जाते हैं लेकिन चुनाव के बाद कुछ नहीं किया जाता है."- बबिता देवी, स्थानीय

'बारिश के समय विकट परिस्थिति':इन लोगों ने कई एक बार यहां के अधिकारियों से गुहार लगायी लेकिन किसी ने उनकी गुहार को नहीं सुनी. इन लोगों ने बताया कि यह लोग झोपड़ी बनाकर रहते हैं. सबसे ज्यादा परेशानी इन लोगों को बारिश के समय होती है. झोपड़ी में पन्नी लगाकर बारिश से अपना बचाव करते हैं.

"सरकारी योजना के नाम पर सिर्फ राशन मिला है. अन्य सुविधाओं का लाभ आज तक यहां के लोगों तक नहीं पहुंच पाया है. 24 परिवार यहां निवास करते हैं."- मनोज पोद्दार, स्थानीय

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