समस्तीपुर:महात्मा गांधी कुष्ठ रोगियों के प्रति स्नेह और दया का भाव रखते थे. इसे ही ध्यान में रखते हुए वर्ल्ड लेप्रोसी डे को भारत में 30 जनवरी को मनाया जाता है. कुष्ठ से ग्रसित लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले इसकी कोशिशें जारी हैं. वहीं बिहार केसमस्तीपुर शहर से सटे मालगोदाम के पास स्थित कुष्ठ कॉलोनी की दशा आज तक नहीं सुधरी है.
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कॉलोनी में रहते हैं 24 परिवार: दशकों पूर्व कुष्ठ पीड़ितों के लिए शहर के अंतिम छोर पर इस बस्ती को बसाया गया था. यहां कुष्ठ पीड़ित लोग रहते हैं. लंबे समय से इलाके के लोग गरीबी और मुफलिसी के बीच जिंदगी गुजार रहे हैं. इनका कहना है कि कोई भी सरकारी नुमाइंदा आज तक इनको देखने नहीं आया. नेता भी चुनाव के समय ही दर्शन देते हैं.
कुष्ठ कॉलोनी के लोगों को नहीं मिल रहा लाभ: कुष्ठ कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि कोई भी सरकारी सुविधा उन्हें नहीं मिल रही है. जानकारी के अनुसार माल गोदाम चौक स्थित 1991 में कुष्ठ आश्रम के नाम से बसे कॉलोनी में रहने वाले 24 परिवार और 70 लोगों को सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है. सरकारी सुविधा के नाम पर इनका सिर्फ राशन कार्ड बना हुआ है.
पानी, बिजली.. सब नदारद: मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत सभी गांव के घरों में नल जल योजना का लाभ दिया गया है, लेकिन इस योजना का लाभ यहां कुछ कॉलोनी में रहने वाले लोगों को नहीं दी जा रही है. इस कॉलोनी के लोगों के घरों में ना तो बिजली पहुंच रही है और ना ही उनके लिए शौचालय बना है. पीने के नाम पर एक चापाकल है. इस चापाकल के सहारे 24 परिवार रहते हैं.