समस्तीपुर: सियासी सरगर्मी के बीच कोशिश अब वोटरों को अपने-अपने पाले में लाने की शुरू हो गई है. वैसे अगर जिले के सियासत की बात करें तो, संख्या में भले कम, लेकिन भागीदारी में आधी आबादी ने सियासी दलों का भाग्य तय किया है.
लोकतंत्र के महापर्व में नेताओं की जीत और हार की निर्णायक भूमिका में होंगी महिला मतदाता - निर्णायक भूमिका में होंगी महिला मतदाता
समस्तीपुर में लोकतंत्र के इस महापर्व में नेताओं की जीत और हार में महिला मतदाता निर्णायक भूमिका में होंगी. दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताने को काफी हैं की संख्या में भले यह पुरुष मतदाता से कम हैं. लेकिन वोटिंग के दौरान जिले में महिला मतदाता पुरुष मतदाताओं पर हावी रही हैं.
महिला मतदाता से कम हैं पुरुष मतदाता
दरअसल 2019 के मतदाता सूची के अनुसार जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 29 लाख 7 हजार 393 है. जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या 13 लाख 59 हजार 798 है और पुरुष मतदाता करीब 1,87,797 हैं. बीते 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं की नम्बर में भले महिला मतदाता कम हैं, लेकिन मतदान में यह पुरुषों को भी पछाड़ चुकी हैं.
महिला मतदाताओं को गोलबंद करने में जुटे हैं सियासी दल
समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा चुनाव में हुए 61.06 फीसदी मतदान के दौरान जंहा, पुरुष मतदाताओं का आंकड़ा 56.04 फीसदी का था. वंही महिला मतदाताओं का आंकड़ा 66.74 यानी 10.7 फीसदी अधिक था. वंही उजियारपुर लोकसभा सीट पर भी पुरुष मतदाताओं के तुलना में 9.52 फीसदी अधिक महिला मतदाताओं ने वोटिंग किया था. बहरहाल सियासी दल संख्या में कम लेकिन मतदान में बेहतर भागीदारी निभाने वाली इस आधी आबादी को साधने में जुटे हैं. कोशिश अधिक से अधिक महिला वोटर को गोलबंद करना है.