समस्तीपुर: जिला मुख्यालय के पास स्थित सदर अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा दिया गया है. यानी इस अस्पताल को जिले का सबसे बड़ा व बेहतर अस्पताल होना चाहिए. लेकिन, इस हॉस्पिटल की कहानी बिल्कुल विपरीत है.
दरअसल, सदर अस्पताल में मरीज को लिए सुविधा के नाम पर छोटी-छोटी जरूरतें नदारद हैं. हर चुनाव से पहले जिला वासियों को यह आस जरूर जगती है कि शायद अब यहां के दिन बहुरेंगे. लेकिन, यहां के हालात बदलने का नाम ही नहीं ले रहे हैं.
बद से बदत्तर हैं हालात
समस्तीपुर को जिला बने लगभग 47 वर्ष बीतने को हैं. लेकिन, जिले के सबसे बड़े अस्पताल का वनवास खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस अस्पताल का हाल यह है कि यहां एक भी अत्याधुनिक जांच की व्यवस्था नहीं है. आईसीयू जैसी सुविधा के अभाव में इमरजेंसी मरीजों को दूसरे जगह रेफर करना विकल्प हो गया है. हर चुनाव में इस बीमार अस्पताल को पूरी तरह स्वस्थ करने के दावें हुए. लेकिन, इस अस्पताल की बीमारी दूर नहीं हुई.