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बड़ा सवाल- क्या उपचुनाव का टेस्ट पास कर पाएगा NDA? अभी से है फूट का अंदेशा - एलजेपी

हाल ही में राजधानी में बारिश से हुए जलजमाव को लेकर जेडीयू और बीजेपी में काफी तकरार देखने को मिली थी. बीजेपी हो या फिर जेडीयू जिस तरीके से बयानबाजी हुई, लोग एनडीए में फूट के कयास लगाने लगे.

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Published : Oct 11, 2019, 7:17 PM IST

समस्तीपुर: प्रदेश में कई मामलों को लेकर एनडीए के सहयोगी दल आपस में भिड़ते दिखे. जिस तरह की बयानबाजी नेताओं की ओर से देखने को मिली है. उससे अब ऐसा लगने लगा है कि इसका साइड इफेक्ट लोकसभा के उपचुनाव में भी दिख सकता है. क्योंकि इस लोकसभा क्षेत्र की अधिकतर विधानसभा सीटों पर जेडीयू की पकड़ मजबूत है.

क्या कहते हैं प्रिंस राज?
हाल ही में राजधानी में बारिश से हुए जलजमाव को लेकर जेडीयू और बीजेपी में काफी तकरार देखने को मिली थी. बीजेपी हो या फिर जेडीयू जिस तरीके से बयानबाजी हुई, लोग एनडीए में फूट के कयास लगाने लगे. वहीं, इसका फायदा उठाने में विपक्ष कहीं से भी पीछे नहीं हटा. हालांकि, एनडीए में फूट की बात को एलजेपी नेता और समस्तीपुर से प्रत्याशी प्रिंस राज ने सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जो भी नेता बयान देते हैं, वह उनका निजी बयान होता है. इससे पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती. प्रिंस राज ने कहा कि वैसे विपक्ष को बोलने का मौका मिल गया है.

एलजेपी प्रत्याशी प्रिंस राज कार्यकर्ताओं के साथ

'NDA मजबूत है'
वहीं, जेडीयू नेता शारिक रहमान ने भी इस बात पर अपनी सहमति दिखाई. उन्होंने भी कहा कि जो भी एनडीए के नेता बयान दे रहे हैं, उससे पार्टी कोई ताल्लुक नहीं रखती. जेडीयू नेता ने कहा कि जितने भी बड़े नेता हैं, वह दूसरों को विवादित बयान देने से दूर रहने की नसीहत देते हैं.

समस्तीपुर से अमित कुमार की रिपोर्ट

RJD का एनडीए पर तंज
उधर, आरजेडी विधायक और प्रवक्ता अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने एनडीए पर तंज कसते हुए कहा कि एनडीए ने जनादेश का मजाक उड़ाया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हाल ही में एनडीए के नेता बयान दिए हैं, उससे साफ मालूम होता है कि गठबंधन में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है.

आरजेडी विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन

उपचुनाव से पहले टेस्ट
गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले यह उपचुनाव सभी दल और गठबंधन के दावों का टेस्ट भी है. ऐसे में अगर एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं रहा तो कहीं न कहीं इसका खामियाजा एलजेपी को उठाना पड़ सकता है.

बता दें कि समस्तीपुर जिले के 10 विधानसभा सीटों पर 2015 में एनडीए का खाता तक नहीं खुल सका था. उस वक्त के वर्तमान महागठबंधन ने सभी 10 सीटों पर बाजी मारी थी. वर्तमान में हो रहे समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट की बात की जाए तो इसके छह विधानसभा सीट में 3 अहम सीटें जेडीयू के पास, 2 आरजेडी और एक कांग्रेस के पाले में है.

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