समस्तीपुरः नेताओं का चुनावी दौरा गांव की गलियों में भी शुरू हो गया है. मतदाताओं को रिझाने का काम भी जोरों पर है. यहां लोकतंत्र का महान पर्व 29 अप्रैल को होने जा रहा है. लेकिन उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के धमोन गांव के मतदाता अपने प्रत्याशियों से नाराज हैं.
उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का धमोन गांव जहां से सांसद और विधायक की तकदीर लिखी जाती है. यहां पचास हजार यादवों का वोट है. लेकिन इस गांव में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. ना तो स्वास्थ्य के लिए कुछ बेहतरीन अस्पताल है ना लोगों को पटोरी अनुमंडल जाने के लिए कोई बढ़ियां सड़क. जो सड़क है वह भी जर्जर है. यहां से लोग लोकसभा और विधानसभा में विधायक और सांसद बनाकर बड़ी उम्मीद से भेजते हैं कि इस क्षेत्र का विकास हो.
नहीं हुआ विकास का कोई काम
गंगा के किनारे बसे धमोंन गांव के लोग आज भी सुविधा के लिए मोहताज हैं. छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए ना तो बढ़ियां सरकारी स्कूल है ना ही सरकारी कॉलेज. इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान को लेकर यहां के युवा वोटर हताश हैं. उनके चेहरे पर मायूसी है.
ये लोग सड़कों पर हाथ में तख्ती और बैनर लेकर वोट बहिष्कार करने को लेकर नारेबाजी करते दिख रहे हैं.
क्या है लोगों का कहना
इन लोगों का कहना है कि चुनावी मौसम में नेता वादों की टोकरी लेकर आते हैं और मुंगेरीलाल का हसीन सपना दिखाकर एक-एक वोट लेकर चले जाते हैं. लेकिन लौट के वह गांव नहीं आते. इस बार लोगों ने मन बना लिया है कि जो भी नेता यहां आएंगे उनकी खबर बढ़ियां से ली जाएगी. उन से पूछा जाएगा कि पांच सालों में इस क्षेत्र के विकास के लिए आपने क्या किया. इसी को लेकर यहां के मतदाताओं ने वोट बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है.