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समस्तीपुर: CAA के खिलाफ आंदोलन 60वां दिन भी जारी, जोगीरा गीत गाकर किया विरोध प्रदर्शन - सीपीएम के स्थानीय नेता

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शहर के सरकारी बस स्टैंड के पास चल रहा आंदोलन 60वां दिन भी जारी रही. इस मौके पर आंदोलनकारी होली और जोगीरा गीत गाकर अनोखे तरीके से विरोध-प्रदर्शन करते नजर आए.

CAA के खिलाफ आंदोलन
CAA के खिलाफ आंदोलन

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Published : Mar 9, 2020, 8:00 PM IST

समस्तीपुर: एनआरसी और सीएए को लेकर पूरे देश में समर्थन और विरोध-प्रदर्शन जारी है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शहर के सरकारी बस स्टैंड में आंदोलन 60वें दिन भी जारी रहा. मौके पर आंदोलकारियों के विरोध-प्रदर्शन का अनोखा तरीका नजर आया. दरअसल, होली को लेकर प्रदर्शनकारी जोगीरा गाकर सरकार का विरोध करते दिखे. मौके पर विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि जब तक यह काला कानून वापस नहीं होगा. आंदोलन अनवरत रूप से जारी रहेगा.

'जोगीरा की धुन पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन'
बता दें कि शहर के सरकारी बस स्टैंड के पास पिछले 10 जनवरी से संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सत्याग्रह चल रहा है. होली को लेकर आंदोलनकारी सत्याग्रह स्थल पर ही ढोलक, झाल, हारमोनियम के साथ जुटे और जोगीरा गीत गाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. मौके पर बड़ी संख्या में महिला आंदोलनकारी भी मौजूद रहें. वहीं, जोगीरा गीतों के धुन पर आंदोलनकारी घंटों झूमते नजर आए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'वापस हो काला कानून'
इस मौके पर सीपीएम के स्थानीय नेता अजय कुमार ने बताया सत्याग्रह स्थल पर सभी धर्म के लोग मौजूद हैं. यहां सभी जाति, धर्म के लोग पिछले 60 दिनों से एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. जिसका मिसाल जोगीरा होली पर्व का आयोजन है. उन्होंने कहा कि आंदोलन स्थल पर धर्म के अनुसार पर्व-त्योहार का आयोजन किया जा रहा है. सीपीएम नेता अजय कुमार ने कहा कि सीएए देश के लिए एक काला कानून है. जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं ले लेतीय तब तक आंदोलन अनवरत रूप से जारी रहेगा.

सीएए कानून क्या है?
नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों नागरिकता देने के लिए बनाया गया है. यह कानून इन तीनों देशों के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है. इसके अलावा इन तीन देशों से भारत आए मुस्लिमों या फिर अन्य विदेशी नागरिकों के लिए यह कानून नहीं है.

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