बिहार

bihar

ETV Bharat / state

राम लला पर फैसले के बाद समस्तीपुर के बारह पत्थर चौक की यादें हुई ताजा

मामले पर जिले के एक प्रत्यक्षदर्शी बताते है कि घटना को याद करते हुए बताते है कि 22 अक्टूबर 1990 की शाम को सोमनाथ से रथ निकले लालकृष्ण आडवाणी का रथ यहां पहुंचा था.

बारह पत्थर चौक की यादें हुई जीवांत

By

Published : Nov 12, 2019, 12:34 PM IST

समस्तीपुर:सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद देश के सबसे बड़े धार्मिक विवाद का अंत हो गया. इसके साथ ही जिले के बारह पत्थर में भी फैसले के बाद इस मुद्दे से जुड़ी कई यादें भी जीवंत हो उठी हैं. बताया जाता है कि यह वही स्थान है जहां कभी आडवानी का सोमनाथ से चला रथ, इसी स्थान पर थमा था और मंदिर निर्माण की नींव और भी गहरी हो गई थी.

बारह पत्थर चौक, समस्तीपुर

'देश में चर्चा का केंद्र था बारह पत्थर चौक'
इस मामले पर जिले के एक प्रत्यक्षदर्शी वीरेंद्र चौधरी बताते है कि घटना को याद करते हुए बताते है कि 22 अक्टूबर 1990 की शाम को सोमनाथ से रथ निकले लालकृष्ण आडवाणी का रथ यहां पहुंचा था. इसी चौक के करीब सर्किट हाउस में वे रुके थे. बाहर सड़क के किनारे उनका रथ लगा था. जहां लोगों की भारी भीड़ थी. महिलाएं रथ की पूजा कर रही थी. लोग भक्ति भाव में डूबे हुए थे.

बारह पत्थर चौक के पास मंदिर नर्माण संबंधित लगा बोर्ड

ये भी पढ़े- राम मंदिर पर फैसले के बाद अब उत्तराखंड में माता सीता का भव्य मंदिर बनाने की घोषणा

'पटेल मैदान में आयोजित था जनसभा'
वीरेंद्र चौधरी बताते है कि जिला मुख्यालय से महज कुछ सौ मीटर के दूरी पर यह चौक अवस्थित है. बडी़ संख्या में लोग इस स्थान पर जमा हुए थे. 23 अक्टूबर 1990 को पटेल मैदान आडवानी की एक जनसभा आयोजित थी. लोग रात भर तैयारियों में जुटे थे. लेकिन अचानक सुबह में चौक के पास अफरातफरी मच गई. लोग जबतक कुछ समझ पाते तब तक एक बंद गाड़ी से आये पुलिस अधिकारी ने आडवाणी को गिरफ्तार कर अपने साथ लेकर चले गए थे. जो रथयात्रा सोमनाथ से अयोध्या के लिए निकली थी. उस सफर का अंत प्रदेश के जिले में हो गया था.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

'कानूनी शिंकजे से छूटने के बाद किया था जनसभा'
वीरेंद्र चौधरी बताते है कि कानूनी शिंकजे से छूटने के बाद आपने आंदोलन के उस टूटे हुए कड़ी को जोड़ते हुए आडवाणी ने जिले के इसी चौक के पास अवस्थित पटेल मैदान में एक जनसभा आयोजित किया था. जिसमें एक विशाल जनसमूह उमड़ा था.गौरतलब है कि आडवाणी की रथ यात्रा को इस समय सूबे के के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रोक दिया था. इसके लिए उन्होंने एक पूरा प्लान तैयार किया था.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो आडवाणी की रथयात्रा धनबाद से शुरू होने वाली थी और उन्हें सासाराम के नजदीक गिरफ्तार करने की योजना थी. लेकिन अधिकारियों के बीच मतभेद के बाद यह प्लान पूरा नहीं हो पाया था .हालांकि बाद में आडवाणी को जिले से गिरफ्तार किया गया था.

प्रत्यक्षदर्शी वीरेंद्र चौधरी

ABOUT THE AUTHOR

...view details