समस्तीपुरः कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है. इससे आम गरीब लोग और दिहाड़ी मजदूर खासे प्रभावित हुए हैं. हालांकि, कोरोना प्रभाव से बचे समस्तीपुर जिले में मनरेगा मजदूरों को जल्द राहत मिल सकती है. कुछ खास नियम और सावधानियों के साथ पंचायतों में जॉब कार्डधारी मजदूरों को काम देने की कवायद शुरू हुई है.
लॉकडाउन 2.0: 20 अप्रैल के बाद मजदूरों को मिल सकता है रोजगार
लॉकडाउन में मजदूरों को राहत दी जा सकती है. मनरेगा के साथ-साथ, जल जीवन हरियाली, हर घर नल का जल और पक्की गली, नालियों जैसे योजना पर काम भी कुछ शर्तों के साथ काम शुरू हो सकता है.
लॉक डाउन में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार ने 20 अप्रैल के बाद कुछ शर्तों के साथ गरीब मजदूरों को राहत देने का संकेत दिया है. समस्तीपुर जिला अब तक कोरोना के प्रभाव से बचा हुआ है. ऐसे में जिले के मनरेगा मजदूरों को रोजगार देने की तैयारी शुरू हुई है. विभागीय सूत्रों की मानें तो कोरोना को देखते हुए कुछ सख्त शर्तो के साथ पंचायतों में मनरेगा के तहत मजदूरों को काम दिया जाएगा. जॉब कार्डधारी 60 वर्ष से ऊपर के मजदूर और कोरोना संदिग्ध लोगों को इस योजना से दूर रखा जाएगा.
जल जीवन हरियाली समेत कई योजनाओं में मिलेगा काम
मनरेगा से जुड़े आंकड़ो पर गौर करे तो वर्ष 2020-21 में महज 83 परिवारों को ही जिले में काम मिला है. वह भी बीते 22 मार्च से लॉक डाउन के कारण बंद है. हालांकि, 2019-20 में जिले के करीब 23 हजार 334 परिवारों को काम मिला था. मजदूरों को मनरेगा के अलावा, जल जीवन हरियाली, हर घर नल का जल और पक्की गली नालियों जैसे योजना पर काम भी कुछ शर्तों के साथ शुरू हो सकता है.