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समस्तीपुर में चल रहा है काला कारोबार, खतरनाक पानी की हो रही सप्लाई - phed department

वाटर प्लांट के संचालक ने बताया कि पानी में आयरन टीडीएस 120 होना चाहिए. लेकिन, लोगों को पसंद नहीं आने के कारण 70 से 80 ही देना पड़ता है, जो लोगों के लिए नुकसानदेह है. कुछ प्लांट को छोड़ दे तो जिले में इन सभी मांगों पर खेलवाड़ हो रहा.

वाटर प्लांट

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Published : Jun 12, 2019, 3:11 PM IST

समस्तीपुर: जहां एक तरफ गर्मी का प्रकोप है तो वहीं इससे निजात के लिए लोगों को गैर लाइसेंसी डिब्बा बंद पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है. प्रशासन के लचर रवैये से जिले में डिब्बे बंद पानी की कालाबाजारी खुलेआम हो रही है. जिसको देखो बस एक वाटर प्लांट लगा रहा है और बिना लाइसेंस के डिब्बा बंद पानी बेचना शुरू कर दिया है.

पानी की कालाबाजारी की एक रिपोर्ट

दरअसल, जिले में ऐसे कई जगह वाटर प्लांट लगाए गए हैं. जिसका लाइसेंस विभाग से नहीं लिया गया है. वहीं, पानी की गुणवत्ता की बात की जाए तो यह काफी निम्न स्तर है. वाटर प्लांट के निर्धारित टीडीएस के मानक पालन किए बगैर काम चालू है.

पानी के ये है मानक
वाटर प्लांट के संचालक ने इस संबंध में जानकारी दिया कि पानी की गुणवत्ता को लेकर कई मानक हैं. पानी में आयरन टीडीएस 120 होना चाहिए. लेकिन, लोगों को पसंद नहीं आने के कारण 70 से 80 ही देना पड़ता है, जो लोगों के लिए नुकसानदेह है. कुछ प्लांट को छोड़ दें तो, जिले में इन सभी मानकों पर खिलवाड़ हो रहा.

अलख कुमार सिन्हा, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र

विभाग लेगा संज्ञान
इस संबंध में जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक ने अलख कुमार ने कहा कि 2016 के नए नियमावली के अनुसार वाटर प्लांट का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया गया है. वहीं, अब इसके ऊपर नियंत्रण का जिम्मा प्रदूषण बोर्ड और केंद्र सरकार के कुछ विभागों को दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में कोई समीक्षा की जाएगी तो विभाग जरूर संज्ञान लेगा.

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