समस्तीपुरः जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल को अब आईसीयू नसीब नहीं होगा. वजह यह है कि अस्पताल के आईसीयू के लिए खरीदे गए अत्याधुनिक उपकरण अब यहां इस्तेमाल नहीं होने की वजह से सूबे के दूसरे अस्पताल में भेजे जाएंगे. जाहिर तौर पर विभागीय उदासीनता की मार बेबस मरीजों पर पड़ेगी.
आपात स्थिति में बाहर जाते हैं मजदूर
जिले का सदर अस्पताल नाम बड़े और दर्शन छोटे की कहावत का बेहतरीन उदाहरण है. मरीज सुविधा को लेकर सरकारी दावों की हकीकत यह है कि इस अस्पताल में चार साल पहले ही अत्याधुनिक आईसीयू को लेकर सभी उपकरणों की खरीद हुई थी. लेकिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर के आभाव में यह मशीनें सालों से धूल फांक रही है. जाहिर सी बात है जिले के सबसे बड़े अस्पताल होने के कारण यहां मरीजों की काफी भीड़ होती है. लेकिन आपात स्थिति में गंभीर मरीजों का इलाज यहां संभव नहीं है.
सदर अस्पताल और बयान देते मरीज के परिजन स्वास्थ्य समिति ने सिविल सर्जन को भेजा पत्र
अस्पताल सूत्रों की मानें तो वर्षों से बेकार पड़े दो वेंटिलेटर को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने सिविल सर्जन को पत्र भेजा है. जिसके अनुसार यहां खरीदे दोनों आधुनिक वेंटिलेटर पटना के पीएमसीएच हस्तांतरित किये जायेंगे. इस प्रकार वर्षो से यहां आईसीयू सेवा को लेकर एक उम्मीद पर ग्रहण लग जायेगा. वैसे इस मामले पर सिविल सर्जन से लेकर कोई भी वरीय अधिकारी बोलने से परहेज कर रहे हैं.
नहीं हुआ आईसीयू चालू
गौरतलब है कि इस सदर अस्पताल में छह वर्ष पहले ही आईसीयू भवन का निर्माण कराया गया था. मकसद था कि मरीजों को आपात स्तिथि में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. चार साल पहले इसको लेकर दो वेंटीलेटर समेत अन्य उपकरण की खरीद भी हो गई. लेकिन अब यह बीमार अस्पताल एक आईसीयू के लायक भी नहीं है.