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समस्तीपुर: लगातार बारिश के बाद बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर, लोगों की बढ़ी चिंता

बाढ़ ने सब कुछ डूबा दिया है. बेबस हजारों परिवार बांध पर बने समस्तीपुर-रोसड़ा मुख्य सड़क पर शरण लेने को मजबूर हैं. किसी तरह फटे-पुराने प्लास्टिक के सहारे कड़ी धूप और आंधी-पानी का सामना कर रहे हैं.

डूब चुके आशियाने

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Published : Jul 24, 2019, 6:50 PM IST

Updated : Jul 24, 2019, 7:36 PM IST

समस्तीपुर: जिले की एक बड़ी आबादी बाढ़ में पहले ही डूब चुकी है. प्रकृति के प्रकोप ने सबकुछ लील कर दिया. बाढ़ की आपदा से जो परिवार बचे वह अब भी अपनी जान बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. लेकिन प्रकृति अब भी रहम नहीं कर रही है. वहीं, शहर के करीब से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से कई सेंटीमीटर ऊपर पंहुच गई है. जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

थम नहीं रहा प्रकृति का प्रकोप

खतरे के निशान से पार हुई गंडक नदी
दरअसल, नेपाल में कई घण्टों से लगातार भारी बारिश हो रही है. इसके कारण जिले की बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. बताया जा रहा है कि अगर ऐसा ही हाल रहा तो गंडक के जलस्तर में अगले कुछ घण्टों में इजाफा हो सकता है. बीते कुछ घण्टों में इस नदी का वाटर लेवल 45.98 के पार पंहुच चुका है.

बूढ़ी गंडक नदी ने खतरे के निशान को किया पार

वैसे डेंजर लेवल 45.73 था. बढ़ते जलस्तर का हाल यह है कि ऊंचे तटबन्ध से कई सौ मीटर के दूरी से गुजरती इसकी धारा अब तटबन्ध को छूने लगी है. पहले ही गंडक ने किनारे बसे सैंकड़ों छोटे मकान और झोपड़े इसकी धारा में बह चुके हैं.

जलमग्न हुआ समस्तीपुर शहर

पहले ही उजर चुके हैं आशियाने
बेबस हजारों लोग परिवारों के साथ बांध पर बने समस्तीपुर-रोसड़ा मुख्य सड़क पर शरण लेने को मजबूर हैं. किसी तरह फटे पुराने प्लास्टिक के सहारे कड़ी धूप और आंधी-पानी का सामना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अबतक प्रशासन और सरकार से मदद नहीं मिल पायी है. गौरतलब है कि अगर नेपाल में अगले एक-दो दिनों तक बारिश का हाल ऐसा ही रहा तो, जिले की कई नदियां अपना रौद्र रूप धारण कर सकती हैं.

Last Updated : Jul 24, 2019, 7:36 PM IST

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