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गाजे-बाजे के साथ निकली कुत्ते की शव यात्रा, मालिक बोला-आंखों का तारा था टोनी, याद आई 'तेरी मेहरबानियां' - तेरी मेहरबानियां

इंसान और कुत्तों के बीच प्रेम का उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला है. विद्यापतिनगर प्रखंड की शेरपुर ढेपुरा पंचायत के शेरपुर दियारा गांव में देखने को मिला. शेरपुर ढेपुरा पंचायत के शेरपुर दियारा निवासी नरेश साह ने अपने कुत्ते की मौत होने के बाद हिंदू रीति-रिवाज से उसकी अंतिम विदाई कर पशु-प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की है.

dog Tanny in samastipur
dog Tanny in samastipur

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Published : May 19, 2021, 6:09 PM IST

Updated : May 19, 2021, 6:29 PM IST

समस्तीपुर:इंसान और कुत्तों के बीच प्रेम का उदाहरण आपने कई बार देखा होगा. साथ ही ऐसी कई कहानियां भी सुनी होगी. कुत्तों और इंसान को लेकर कई फिल्‍में भी बन चुकी हैं. बाॅलीवुड में ही सन 1985 में एक मूवी 'तेरी मेहरबानियां' आई थी, जिसमें जैकी श्रॉफ और पूनम ढिल्लो मुख्‍य किरदार में थे. इसमें कुत्ते और इंसान की मोहब्‍ब‍त को बखूबी दिखाया गया है.

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ऐसे ही प्रेम का उदाहरण समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड की शेरपुर ढेपुरा पंचायत के शेरपुर दियारा गांव में देखने को मिला, जहां कुत्ते की मौत के बाद निकली एक अनोखी शव यात्रा ने मानवीय संवेदनाओं को संबल प्रदान किया है.

'बैंड-बाजों के बीच टाॅनी की शवयात्रा'
शेरपुर ढेपुरा पंचायत के शेरपुर दियारा निवासी नरेश साह ने अपने कुत्ते की मौत होने के बाद हिंदू रीति-रिवाज से उसकी अंतिम विदाई कर पशु-प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की है. बैंड-बाजों की धुनों के बीच टोनी की शवयात्रा निकाली गई. जहां लोगों की आंखें नम हो गयी. वहीं हर कोई एक मालिक द्वारा कुत्ते की वफादारी में मरणोपरांत दिए जा रहे सम्मान का कायल हो रहा था.

टाॅनी की शवयात्रा

क्या कहते हैं टाॅनी के मालिक
पेशे से ग्रामीण चिकित्सक नरेश कुमार साह बताते हैं कि करीब 12 साल पहले सोनपुर मेला से एक विदेशी नस्ल का कुत्ता खरीद कर लाया था. बचपन से ही उसे दुलार से पाल रखा था. घर के सदस्यों सरीखा रहने वाला टोनी आसपास के लोगों की आंखों का भी तारा था. टोनी की मौत के बाद हम सबने मिलकर उसे ऐसी विदाई देने की सोची, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन सके. इस तरह से आदमी की मौत पर अंतिम यात्रा निकाली जाती है. उसी तरह टोनी की मौत के बाद उसके लिए अर्थी बनवायी और उसकी अंतिम यात्रा निकाली गयी.

तेरहवीं पर भोज का भी आयोजन
गंगा की सहायक वाया नदी के किनारे जिस जगह टोनी को दफनाया गया है. वहां अलग-अलग प्रजाति के काफी सारे पौधे भी लगाए जाएंगे. उस जगह उसकी याद में टोनी स्मृति स्मारक भी बनाया जाएगा. तेरहवीं का भोज भी आयोजित होगा.

''टोनी मेरे लिए सिर्फ कुत्ता नहीं, बल्कि हमारे घर-टोला का रक्षक भी था. वह हम सभी के जिंदगी का एक हिस्सा था. जिसने पूरी वफादारी और ईमानदारी से अपनी जवाबदेही निभाई'' - नरेश कुमार, स्थानीय

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नरेश ने अपने कुत्ते की शव यात्रा के लिए सारे इंतजाम किए. एक ठेले पर उसका शव रखा. शव पर फूल माला और कफन से कुत्ते के शव को लपेट कर रखा. साउंड सिस्टम भी ठेले पर ही लगाया. फिर क्या था, जहां-जहां से ये शव यात्रा निकली, लोग जुड़ते चले गए.

शव यात्रा में लोगों का हुजूम

नरेश ने बताया कि उसके लिए टोनी काफी भाग्यशाली था. टोनी जब से उनके घर आया था. तब से उनकी काफी तरक्की हुई. आज जब कुत्ते की मौत हुई तो, तेरी महरबानियां गाने के साथ कुत्ते की याव यात्रा निकाली गयी. टोनी के सम्मान में ग्रामीणों ने उसके शव के ऊपर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की.

Last Updated : May 19, 2021, 6:29 PM IST

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