समस्तीपुर:इंसान और कुत्तों के बीच प्रेम का उदाहरण आपने कई बार देखा होगा. साथ ही ऐसी कई कहानियां भी सुनी होगी. कुत्तों और इंसान को लेकर कई फिल्में भी बन चुकी हैं. बाॅलीवुड में ही सन 1985 में एक मूवी 'तेरी मेहरबानियां' आई थी, जिसमें जैकी श्रॉफ और पूनम ढिल्लो मुख्य किरदार में थे. इसमें कुत्ते और इंसान की मोहब्बत को बखूबी दिखाया गया है.
ऐसे ही प्रेम का उदाहरण समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड की शेरपुर ढेपुरा पंचायत के शेरपुर दियारा गांव में देखने को मिला, जहां कुत्ते की मौत के बाद निकली एक अनोखी शव यात्रा ने मानवीय संवेदनाओं को संबल प्रदान किया है.
'बैंड-बाजों के बीच टाॅनी की शवयात्रा'
शेरपुर ढेपुरा पंचायत के शेरपुर दियारा निवासी नरेश साह ने अपने कुत्ते की मौत होने के बाद हिंदू रीति-रिवाज से उसकी अंतिम विदाई कर पशु-प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की है. बैंड-बाजों की धुनों के बीच टोनी की शवयात्रा निकाली गई. जहां लोगों की आंखें नम हो गयी. वहीं हर कोई एक मालिक द्वारा कुत्ते की वफादारी में मरणोपरांत दिए जा रहे सम्मान का कायल हो रहा था.
क्या कहते हैं टाॅनी के मालिक
पेशे से ग्रामीण चिकित्सक नरेश कुमार साह बताते हैं कि करीब 12 साल पहले सोनपुर मेला से एक विदेशी नस्ल का कुत्ता खरीद कर लाया था. बचपन से ही उसे दुलार से पाल रखा था. घर के सदस्यों सरीखा रहने वाला टोनी आसपास के लोगों की आंखों का भी तारा था. टोनी की मौत के बाद हम सबने मिलकर उसे ऐसी विदाई देने की सोची, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन सके. इस तरह से आदमी की मौत पर अंतिम यात्रा निकाली जाती है. उसी तरह टोनी की मौत के बाद उसके लिए अर्थी बनवायी और उसकी अंतिम यात्रा निकाली गयी.