समस्तीपुर में सरकारी स्कूल का हाल खराब समस्तीपुरः बिहार के समस्तीपुर में सरकारी स्कूल का हाल खराब है. बिहार सरकार शिक्षा में सुधार का लाख दावा कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. समस्तीपुर में एक ऐसा भी सरकारी स्कूल है, जिसमें मात्र एक कमरा है. इसी एक कमरे में पांचवीं क्लास तक की पढ़ाई होती है. इसके साथ साथ स्कूल का कार्यालय इसी में चलता है. यही नहीं मध्याह्न भोजन भी इसी में बनता और बच्चे यहीं खाते भी हैं. ऐसे स्कूल में पढ़ाई कैसे होती है, इसका उदाहण देख लीजिए.
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समस्तीपुर में एक कमरे में पढ़ाईः स्कूल में पढ़ाई के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. क्लास में बैठने तक के जगह नहीं हैं. जान जोखिम में डालकर बच्चों को पढ़ाने का काम किया जा रहा है. इस ठसमठस माहौल में बच्चे चुपचाप पढ़ाई करने के लिए विवस हैं, क्योंकि इसके अलावा और कोई उपाय नहीं दिखता है. इसकी चिंता न शिक्षा विभाग को है और ना जिला प्रशासन को है. कई बार शिकायत के बाद भी कान पर जूं नहीं रेंगा.
स्कूल में बैठीं छात्राएं. काशीपुर में सरकारी स्कूल का हालः राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोइरी टोल समस्तीपुर शहर के बीचो-बीच काशीपुर में ही स्थित है. यहां से डीएम का कार्यालय भी पास पड़ता है. इस स्कूल में एक ही क्लास में एक से लेकर 5 तक के 47 बच्चों को पढाई करायी जाती है. सबसे हैरत की बात है कि इसी क्लासरूम में खाना बनाने का सभी समान रखा हुआ है. गैस सिलेंडर व कार्यालय का आलमीरा सहित सभी कागजात यहीं रखे हुए हैं, ऐसे में पढ़ाई कैसे होती होगी सोच सकते हैं. छात्रों ने खुद इसका दर्द बयां किया.
"एक ही कमरे में पढ़ाई होती है. बैठने में बहुत परेशानी होती है. इसी कमरे में ऑफिस का सामान भी रहता है. खाना यहीं बनता है. सरकार से मांग करते हैं कि हमलोगों को स्कूल दिया जाए ताकि अच्छे से पढ़ाई कर सके."रिचा कुमारी, छात्रा, वर्ग-4
स्कूल बनवाने की मांगः छात्र आयुष राज ने बताया कि स्कूल में भवन नहीं होने की वजह से एक ही कमरे में कार्यालय का सभी सामान व रसोई का सामान रखा हुआ है. इसी रूम में पढ़ाई करायी जाती है. छात्रों ने बताया कि हमेशा डर लगते रहता है अगर शरीर पर आलमीरा गिर गया तो क्या होगा. छात्रों ने सरकार से स्कूल बनवाने की मांग की है. अद देखना है कि सरकार कब तक सुनती है.
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहींः इस एक कमरे के स्कूल में 2 शिक्षक के साथ प्रभारी प्रधानाध्यापक भी हैं. बच्चे के साथ-साथ इन लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रभारी प्रधानाध्यापक के अनुसार कई बार प्रशासन को इस बारे में लिखित शिकायत दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. एक ही कमरे में पढ़ाई, ऑफिस का सामान और मध्यान भोजन का सामान रखा जाता है.
"कई बार लिखित शिकायत की गई है. कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. एक ही रूम में 47 बच्चों की पढ़ाई होती है. इसी में मध्यान भोजन बनाया जाता है और बच्चों को उसी में खिलाया जाता है. इसी कमरे में कार्यालय व रसोई का सामान भी रखते हैं. काफी परेशानी होती है."- रेणु कुमारी. प्रभारी प्रधानाध्यापक