बिहार

bihar

ETV Bharat / state

सूखाढ़ और बाढ़ के बाद अब अफ्रीकन कीड़ा बना अन्नदाताओं के लिए सिरदर्द, बर्बाद हो रही फसल

ये कीट बहुभोजी है. यानी ये मक्का, गेंहू, धान, गन्ना, गोभी, आलू, साग जैसी 80 फीसदी फसलों के लिए बेहद खतरनाक है. किसान इससे कैसे निपटें इसकी उन्हें सही जानकारी भी नहीं है.

Samastipur
मक्के का खेत

By

Published : Dec 18, 2019, 3:38 PM IST

समस्तीपुरःजिले में किसानों की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले तो ये बाढ़ और सुखाड़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हलकान रहे और अब अफ्रीकन कीड़ा फॉल आर्मी वर्म से परेशान हैं. इनके खेतों को फॉल आर्मी वर्म की नजर लग गयी है. जिले के कई हिस्सों में मकई की फसलों पर इस कीड़े ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है.

मक्के का खेत

कहर बरपा रहा है अफ्रीकी कीड़ा
पूसा एग्रीकल्चर कॉलेज ने कुछ महीने पहले ही यह अलर्ट जारी किया था कि दक्षिण अफ्रीका में फसलों को वर्बाद करने वाला खतरनाक फॉल आर्मी वर्म कीड़ा बिहार के कुछ हिस्सों समेत जिले में भी देखा गया है. इस अफ्रीकन कीड़े ने तो यंहा कहर बरपाना शुरू भी कर दिया है.

फसल में लगा कीड़ा

कीड़े से परेशान हैं किसान
जिले के कई हिस्सों में मकई के फसलों पर इसका असर साफ दिखने लगा है. कई कई बीघे में लगे मकई के पेड़ को धीरे-धीरे यह कीड़ा बर्बाद कर रहा है. इसका असर जिले में लगातार बढ़ता जा रहा है. किसान को समझ में नहीं आ रहा आखिर वह करें तो क्या करें, इस कीड़े से अपनी फसल को कैसे बचायें.

प्रवेश चौधरी, किसान

ये भी पढ़ेंः भिखारी ठाकुर को देवता मानने वाले शिष्य ने कहा- वो कहते थे, मैं नहीं रहूंगा तो खूब याद करोगे

फसलों के लिए है बेहद खतरनाक
दरअसल यह कीट बहुभोजी है, यानी यह मक्का, गेंहू, धान , गन्ना, गोभी, आलू, साग जैसी 80 फीसदी फसलों के लिए बेहद खतरनाक है. यह खासकर पौधे के जड़, पत्ते और मुख्य तने को नुकसान पंहुचता है. इस कीट की खासियत यह है की यह बहुत तेजी से बढ़ता है और दिन में छुपा रहता है. जबकि रात में फसलों को क्षतिग्रस्त करता है.

जानकारी देते संवाददाता

गंभीर नहीं है कृषि विभाग
गौरतलब है कि इस फॉल आर्मी वर्म को लेकर कृषि विभाग गंभीर नहीं है. वहीं, किसान इससे कैसे निपटें इसकी उन्हें सही जानकारी भी नहीं है. अब सवाल ये है कि क्या अन्नदाताओं की मेहनत को यह अफ्रीकन कीट इसी तरह चट कर जायेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details