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समस्तीपुर: किसानों ने थाली पीटकर तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग - थाली पीटकर तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग

जिले में तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने थाली पीटकर विरोध किया. इस दौरान किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि मोदी सरकार किसानी को किसान के हाथों से लेकर अडानी-अंबानी को सौंपना चाहती हैं.

किसानों ने थाली बजाकर किया प्रदर्शन
किसानों ने थाली बजाकर किया प्रदर्शन

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Published : Dec 28, 2020, 8:28 AM IST

समस्तीपुर:केन्द्र सरकार के माध्यम से बनाए गए नए कृषि कानून के खिलाफ देश में विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. वहीं जिले के ताजपुर में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. इस दौरान किसानों ने थाली पीटकर तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग की है.

थाली पीटकर विरोध प्रदर्शन
इन तीनों कृषि कानून रद्द करने में अंबानी-अडानी से यारी और किसानों से गद्दारी बंद करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की गारंटी करने, तय समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीद को गारंटी करने, मन की बकबास बंद कर किसानों की बात सुनने, किसानों को नि:शुल्क बिजली, पानी, खाद, बीज, कृषि संयत्र देने, कृषि लोन माफ करने समेत अन्य मांगों को लेकर मोतीपुर वार्ड-10 के पास आलू की खेत में अखिल भारतीय किसान महासभा के झंडे के बैनर तले किसानों ने थाली पीटकर किसान विरोधी किया.

किसानों ने थाली बजाकर किया प्रदर्शन

किसानों ने थाली पीटकर कृषि कानून रद्द करने की मांग
इस मौके पर बासुदेव राय, मुकेश कुमार गुप्ता, जीतेंद्र सहनी, आशिफ होदा, संतोष कुमार, अरशद कमाल बबलू, शंकर सिंह, मनोज कुमार सिंह, अमरेश सिंह, मो. एजाज, राजदेव प्रसाद सिंह, ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह, चांद बाबू, मो. तौसीफ इकबाल, मो. मुन्ना आदि ने आयोजित सभा को संबोधित किया. इस सभा की अध्यक्षता किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने किया. उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार किसानी को किसान के हाथों से लेकर अडानी-अंबानी को सौंपना चाहते हैं. कॉरपोरेट कंपनियां अपने हित में खेती कराएंगे. किसान अपने से नहीं बल्कि कंपनीयों के माध्यम से निर्धारित फसल ही उगा पाएंगे.

किसान कंपनियों के हो जाएंगे गुलाम
किसान के उत्पाद खरीदने में रेट लगाने की कंपनीयों को छूट होगा. स्टॉक की सीमा भी नहीं होगी जिससे किसान कंपनीयों के गुलाम हो जाएंगे. इसे अंग्रेजी कानून को किसान नहीं मानेंगे. किसानों की लड़ाई जायज है. इसमें भाकपा माले किसानों के पक्ष में आंदोलन को तेज करेंगे.

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