समस्तीपुर:जिले में आई बाढ़ के कारण एक बड़ी आबादी त्रस्त है. करीब छह ब्लॉक के कई दर्जन पंचायतों में बाढ़ कहर बनकर टूटा है. इस प्राकृतिक आपदा में जहां लोग अपनी और अपने परिवार वालों की जान बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं. वहीं बेजुबान जानवरों का हाल तो और भी बेहाल है.
बाढ़ ने बढ़ाई पशुपालकों की परेशानी, बेजुबानों की रक्षा के लिए दर-दर भटक रहे लोग
बाढ़ के कारण मनुष्यों के साथ-साथ मवेशी भी प्रभावित हैं. पशुपालकों के सामने बेजुबानों के पेट भरने की परेशानी खड़ी हो गई है.
चारों तरफ फैले बाढ़ के पानी के बीच जानवरों के लिए खाने का इंतजाम करना बड़ी समस्या है. बाढ़ से घिरे पशुपालक अब अपने पालतू पशुओं को लेकर दर-दर भटक रहे हैं. कल्याणपुर, सिंघिया, शिवाजीनगर, सरायरंजन समेत कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग अपने पशुओं के साथ खानाबदोश की जिंदगी जी रहे हैं.
बढ़ गया है बीमारी का खतरा
बेजुबानों मवेशियों के लिए हरे चारे और बाढ़-बारिश में होने वाली मौसमी बीमारियों के कारण पशुपालक खासे परेशान हैं. वैसे अगर जिले के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की बात की जाए तो जिला पशुलपालन विभाग यह दावा कर रहा है कि बाढ़ में पशुओं को लेकर व्यापक स्तर पर काम चल रहा है. खासतौर पर पशुओं को लेकर कम्युनिटी किचेन के तहत चारा और मेडिकल कैम्प लगाकर इलाज किया जाएगा. लगातार जिलाधिकारी स्तर पर इसको लेकर समीक्षा बैठक की जा रही है.