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मोटर अधिनियम 2019ः पहले चालान से हुए हलकान, अब ड्राइवरों की निकल रही जान

राजद नेता ने कहा कि मोटर अधिनियम 2019 देश के लोगों के लिए आफत लेकर आई है. सरकार को चाहिए कि पहले सिस्टम को दुरुस्त करे, फिर नियम लागू करे.

समस्तीपुर

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Published : Sep 19, 2019, 11:34 AM IST

समस्तीपुर: नया मोटर अधिनियम 2019 लागू होते ही वाहन मालिकों और चालकों की परेशानियां बढ़ गई हैं. एक तरफ लोग चालान से परेशान हो रहे हैं तो दूसरी ओर ये अधिनियम कई लोगों के रोजगार पर भी बन आई है. गाड़ियों के कागजात पूरी नहीं होने के कारण भाड़े पर चलने वाली गाड़ियां खड़ी कर दी गई हैं. जिससे भारी संख्या में चालक बेरोजगार हो रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

पड़ाव से 80 फीसदी वाहन गायब
नए मोटर अधिनियम लागू होने से पहले निजी इस्तेमाल के लिए खरीदी गई गाड़ियों का कॉमर्शियल उपयोग कर लिया जाता था. लेकिन अब इसके लिए अलग से परमिशन लेना होगा. लिहाजा वाहन मालिकों ने गाड़ियां दरवाजे पर खड़ी कर ली हैं और स्टैंडों से गाड़ियां लगातार कम होने लगी हैं. बताया जा रहा है के जिले के सभी प्रमुख स्टैंडों से 80 प्रतिशत वाहन गायब हो गए हैं.

जिले का कार स्टैंड

चालकों के रोजगार पर संकट
इसका सबसे ज्यादा असर इन गाड़ियों के चालकों को पड़ा है. झटके में सैकड़ों लोगों की नौकरी चली गई. उनके सामने घर चलाना मुश्किल हो गया है. चालकों ने कहा कि सरकारी नियम के लागू होने से हमारे रोजगार पर संकट आ गया है. ऐसे में हम कहां जाएं, क्या करें?

जिला परिवहन कार्यालय

'आफत बनी मोटर अधिनियम 2019'
राजद के जिला अध्यक्ष विनोद राय ने कहा कि मोटर अधिनियम 2019 देश के लोगों के लिए आफत लेकर आई है. सरकार को चाहिए की पहले सिस्टम को दुरुस्त करे, फिर नियम लागू करे. कॉमर्शियल लाइसेंस बनाने में यहां पसीने छूट जाते हैं, सालों लग जाते हैं. ऐसे में जिन लोगों की नौकरी गई है उनका घर कैसे चलेगा ये सरकार को सोंचना चाहिए.

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