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DM ने प्राइवेट संस्था और NGO के भोजन बांटने पर लगाई रोक

समस्तीपुर में डीएम शशांक शुभंकर ने एनजीओ या निजी संस्था की ओर से बांटे जाने वाले खाने पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर यह आदेश जारी किया गया है कि निजी स्तर पर कोई भी सामान नहीं बांट सकते हैं.

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Published : Apr 4, 2020, 6:54 PM IST

samastipur
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समस्तीपुर: शनिवार को डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि किसी को खाना और समान बांटने का आदेश नहीं दिया गया है. जिला प्रशासन की ओर से सारी व्यवस्था की गई है. कोई भी एनजीओ या निजी संस्था व्यक्तिगत तौर पर खाना और सामानों का वितरण नहीं कर सकता है. उन्होंने बताया कि पूरे जिले में 114 स्कूलों में राहत केंद्र सरकारी स्तर पर चलाया जा रहा है. भिखारियों के लिए रेन बसेरा खोल दिया गया है. क्वॉरेंटाइन सेंटरों में 560 बेड और आइसोलेशन सेंटरों में 420 बेड की व्यवस्था भी की गई है.

भोजन बांटने पर कानूनी कार्रवाई
डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि जिले के अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. सभी लोगों की नियमित जांच कराई जा रही है और सरकारी स्तर पर सभी लोगों की भोजन की व्यवस्था की गई है. साथ ही सभी राहत केंद्र में पर्याप्त मात्रा में खाने-पीने का सामान उपलब्ध करा दिया गया है. ताकि किसी को भी खाने-पीने की दिक्कत ना हो.

उन्होंने कहा कि कोई भी निजी संस्था और एनजीओ व्यक्तिगत तौर पर भोजन बांटे जाने के क्रम में पकड़े जाते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं कोरोना को लेकर डीएम ने बताया कि इस जिले में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है.

जानकारी देते डीएम शशांक शुभंकर

सरकारी स्तर पर भोजन की व्यवस्था
डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि आम लोगों के लिए भी सरकारी मूल्य पर राशन दुकान को चिन्हित कर दिया गया है. ताकि राशन की कालाबाजारी ना हो सके और जिले में रहने वाले भिखारी से लेकर अन्य लोगों की रिपोर्ट भी तैयार की गई है. सभी को सरकारी स्तर पर भोजन मुहैया कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि निजी संस्था या एनजीओ भोजन बांटने के नाम पर लॉक डाउन का खुले रूप से उल्लंघन करते पाए गए हैं.

प्रशासन करेगा व्यवस्था
इसको लेकर यह आदेश जारी किया गया है कि निजी स्तर पर कोई भी सामान नहीं बांट सकता है. प्रशासन की तरफ से सारी सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं. इसको लेकर पुलिस पदाधिकारी को भी निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने क्षेत्र में निगाह रखें और सरकारी स्तर पर चलने वाले राहत कैंप में ही लोगों को भोजन करने को लेकर प्रेरित करें.

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