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लॉकडाउन इफेक्ट: मुश्किल में हैं भीख मांगकर जिंदगी बसर करने वाले दिव्यांग, नहीं मिल रही मदद - divyang in trouble

अपने घर लौट रहे इन भीख मांगने वालों ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से कहीं भी रहने की व्यवस्था नहीं की गई है. लोग संक्रमण फैलने के डर से गांव-मोहल्लों में घूमने नहीं दे रहे. हम छोटे-छोटे बच्चों के साथ भूखे प्यासे घर जाने को मजबूर हैं.

दिव्यांग
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Published : May 11, 2020, 1:19 PM IST

समस्तीपुर: शहर के अलग-अलग जगहों पर भीख मांगकर अपनी जिंदगी बसर करने वाले दर्जनों दिव्यांगों की मसीबत और बढ़ गई है. लॉकडाउन के कारण उनके लिए दिन काटना दूभर हो गया है. समस्तीपुर रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक जगहों और मंदिर परिसर में दर्जनों दिव्यांग भीख मांगनकर अपनी जिंदगी बसर कर रहे थे. लेकिन, अब उनकी मुश्किल और बढ़ गई है.

दिव्यांगों की जिंदगी पर लगा ब्रेक
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जारी देशव्यापी लॉकडाउन ने दिव्यांगों की जिंदगी पर ब्रेक लगा दिया है. सहरसा के दर्जनों भीखमांगने वाले समस्तीपुर में रहकर अलग-अलग जगहों पर भीख मांग कर अपनी जिंदगी बसर कर रहे थे. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जिले में रेलवे स्टेशन समेत सभी सार्वजनिक जगहों पर रह रहे सभी भीख मांगने वालों के लिए भोजन-पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. सभी समस्तीपुर से शिवाजीनगर होते हुए अपने घर जा रहे हैं.

घर लौटते दिव्यांग

सहरसा के सभी भीख मांगने वालों ने बताया कि कई सालों से समस्तीपुर में रहकर भीख मांगकर अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहे थे. लेकिन, लाॅकडाउन के कारण प्रशासन ने सभी लोगों को जगह खाली करने को कहा है. जिस कारण दर्जनों लोग सहरसा अपने घर के लिए निकल पड़े हैं.

भूखे-प्यासे घर लौटने को मजबूर
अपने घर लौट रहे इन भीख मांगने वालों ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से कहीं भी रहने की व्यवस्था नहीं की गई है.लोग संक्रमण फैलने के डर से गांव मोहल्लों में घूमने नहीं दे रहे. हम छोटे-छोटे बच्चों के साथ भूखे प्यासे घर जाने को मजबूर हैं.

गौरतलब है कि इस वैश्विक महामारी से बचाव को लेकर जारी देशव्यापी लॉकडाउन का मानव जीवन पर सीधा असर दिख रहा है. कई बेसहारा गरीब मजबूर लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. हालांकि, सरकार की ओर से इंतजाम किए जा रहे हैं. लेकिन, कहीं न कहीं वो नाकाफी साबित हो रहा है.

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