समस्तीपुर:कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए हुए लॉकडाउन ने किसानों की कमर पहले ही तोड़ रखी थी. इस बीच जिले में बेमौसम बारिश होने से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. जिले के सब्जी उत्पादक किसान काफी मायूस है. वे सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं.
दरअसल, मार्च से जुलाई महीने के बीच सब्जी की मांग ज्यादा हुआ करती है. जिससे सब्जी उत्पादक किसानों को बेहतर मुनाफा मिलता था. लेकिन, इस बार लॉकडाउन के कारण बाजार पहले ही मंदा चल रहा था और अब बेमौसम बरसात होने लग गई. रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र में सब्जी की मांग को ग्रहण लग गया है. इससे सब्जी उत्पादक किसान मायूस हैं.
बेमौसम बारिश के कारण सब्जियों को नुकसान मांगलिक कार्यों के कारण होती थी अच्छी बिक्री
किसानों की मानें तो मार्च से जुलाई महीने के बीच शादी, ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्य होते हैं. इन महीनों में शादी के अलावे मुंडन, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, अक्षय तृतीया जैसे पर्व त्योहार भी आते हैं. इस कारण इन महीनों में सब्जी की मांग अच्छी-खासी रहती है. लेकिन, लॉकडाउन के कारण तमाम मांगलिक कार्य सहित अन्य सभी प्रकार के छोटे-बड़े आयोजन पर पाबंदी लग गई. इस साल सब्जी की मांग कम रहने से किसान को लाखों का नुकसान हो रहा है
फसल बचाने के लिए कर रहे दवाओं का छिड़काव
बता दें कि जिले की सीमा को सील कर दिया गया है. ऐसे में वाहनों का परिचालन नहीं होने के कारण किसान अपनी उगाई सब्जियों को बाहर नहीं भेज पा रहे हैं. इस बीच बेमौसम बारिश ने सब्जी उत्पादक किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया है. बारिश के प्रभाव से सब्जियों को बचाने के लिए किसान फसलों पर दवाओं का छिड़काव करने को मजबूर नजर आ रहे हैं. उनके सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.