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सीएम नीतीश ने की बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन कार्य की समीक्षा, अधूरा काम फिर से हुआ शुरू

सीएम नीतीश कुमार समस्तीपुर में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट (CM Nitish Kumar Dream Project) बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क सह गंगा नदी पर पुल के निर्माण कार्य की समीक्षा करने पहुंचे. इस परियोजना का शिलान्यास 2011 में हुआ था. 2016 में काम पूरा होना था लेकिन अभी तक मात्र 52 फीसदी ही काम हुआ है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Apr 16, 2022, 7:27 PM IST

समस्तीपुर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने काफिले के साथ शनिवार के दिन ताजपुर थाना क्षेत्र के रामापुर महेशपुर फोरलेन (Bakhtiyarpur Tajpur four lane in Samastipur) कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे. सीएम नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर से रामापुर महेशपुर पहुंचे, जहां अधूरे कार्य का फिर से शुभारंभ किया गया. साथ ही सीएम ने अधिकारियों को कार्य को लेकर कई निर्देश भी दिया है.

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फोरलेन का अधूरा काम शुरू:उनके आगमन को लेकर पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. मुख्यमंत्री के आगमन के बाद फिर से कार्य को प्रारंभ किया गया. इस दौरान सभी विभाग के अधिकारी और इंजीनियर मौजूद रहे. नीतीश कुमार ने सभी अधिकारियों के साथ फोरलेन की समीक्षा की. समीक्षा के बाद पूजा पाठ करते हुए कार्यों की पुनः शुरुआत की गई. इस दौरान जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, कमिश्नर, आईजी एवं तमाम वरिए पदाधिकारी मौजूद रहे.

2011 में हुआ था शिलान्यास: यह बिहार की पहली योजना थी जो पब्लिक पार्टनरशिप के माध्यम से बननी थी. इसका निर्माण कार्य वर्ष 2016 में पूरा कर लिया जाना था लेकिन स्थिति यह है कि वर्ष 2022 में भी यह परियोजना में लटकी है. इस प्रोजेक्ट पर अब तक 900 रुपये खर्च भी हो चुके हैं लेकिन कार्य मात्र 52 प्रतिशत ही पूरा हुआ है. सीएम नीतीश कुमार ने उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से सीधे जोड़ने के लिए वर्ष 2011 में ताजपुर में एक भव्य समारोह में बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क सह पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था. 55 किलोमीटर लंबी इस सड़क सह गंगा नदी पर पुल का निर्माण कार्य जून 2016 में पूरा कर लिया जाना था.

2020 से कार्य को पूरी तरह से ठप: इस कार्य जिम्मेदारी हैदराबाद की नवयुगा कंपनी को सौंपी गयी थी. शुरू में कंपनी ने तो बहुत ही तेजी में काम किया लेकिन इसके बाद गति सुस्त पड़ गई. बताया गया कि फंड की कमी निर्माण कार्य के आड़े आने लगी. साथ ही लागत में भी इजाफा होने लगा. नुकसान को देखते हुए कंपनी ने अपने हाथ खींचने शुरू कर दिए. इसके बाद वर्ष 2020 में कार्य को पूरी तरह से ठप हो गया. इसके बाद राज्य सरकार हड़कत में आयी और उसके कांट्रेक्ट को खत्म कर दिया. नए सिरे से इस कार्य को पूरा करने पर विचार किया जाने लगा.

बताया गया कि करीब 1200 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे. हालांकि बाद में स्टीमेट रिवाईज होने के बाद नवयुगा कंपनी ने कार्य कराने के लिए हामी भरी. कैबिनेट से भी इसकी स्वीकृति मिल गई. अब नए सिर से नवयुगा कंपनी के कांट्रेक्टर को पुनर्वजीवित करते हुए कार्य कराया जाना है. इसकी प्रक्रिया चल रही है. इसके अलावे इस परियोना को लेकर जमीन अधिग्रहण का मामला भी वर्षो से अटका पड़ा है. इस फोर लेन के बन जाने से जहां इस क्षेत्र का विकास होगा वहीं यहां के लोगों का आर्थिक विकास भी होगा.

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