समस्तीपुर: पैराशूट नेताओं पर बीजेपी का भरोसा बरकरार है. 2015 की तरह इस बार भी सक्रिय कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया है.अब बीजेपी से पूछा जा रहा है क्या स्थानीय चहरे चुनाव जिताऊ नहीं, या फिर कोई और रणनीति है.
क्या BJP में नहीं हैं जिताऊ चेहरे, पार्टी ने एक बार फिर पैराशूट नेताओं पर जताया भरोसा - BJP PARACHUTE CANDIDATE
बीजेपी ने 2015 की तरह ही इस बार के चुनाव में भी पैराशूट नेताओं पर भरोसा किया है. ऐसे में सवाल किये जा रहे हैं क्या बीजेपी के पास जिताऊ चेहरों की कमी है. या फिर कुछ और ही बात है. प्रश्न ये भी किये जा रहे कि जो कार्यकर्ता, नेता इलाके में लगातार सक्रिय रहे आखिर उन्हें क्यों दरकिनार कर दिया गया.
उजियारपुर विधानसभा सीट पर पैराशूट नेता
2015 में जिले के कई नेताओं को दरकिनार कर पूर्व मंत्री व जेडीयू नेत्री रेणु कुशवाहा पर बीजेपी ने दांव लगाया था. उन्हें समस्तीपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था. वैसे बीजेपी की इस रणनीति पर रेणु कुशवाहा फेल हो गयीं थीं. एक बार फिर बीजेपी ने बड़े नेताओं को साइड लाइन कर दिया है और उजियारपुर विधानसभा सीट पर दांव लगाया है. उजियारपुर विधानसभा सीट पर फिर पैराशूट उम्मीदवार प्रो. शील कुमार को स्थान दिया गया है.
बीजेपी में मचा भूचाल
लोजपा , राजद जैसे कई दलों में शामिल पूर्व विधायक शील कुमार को टिकट दिए जाने के बाद से ही जिला बीजेपी के अंदर भूचाल मचा है. खासतौर पर वैसे नेता जिनका इस चुनाव में टिकट पक्का माना जा रहा था, उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. माना जा रहा है उजियारपुर से शील कुमार को टिकट देने में स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय की अहम भूमिका है