लेटलतीफी की भेंट चढ़ गया ताजपुर-बख्तियारपुर फोर लेन समस्तीपुरः साल 2011 में एक बड़ी आबादी की राह को सुगम बनाने के मकसद सेमुख्यमंत्री नीतीश कुमारने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन की नींव रखी थी. करीब 1600 करोड़ की लागत वाली यह योजना सूबे में लोक भागीदारी से बनने वाली पहली योजना थी. शिलान्यास के साथ ही इस प्रोजेक्ट का डेड लाइन साल 2016 तय किया गया था, लेकिन विडंबना है कि अपने शिलान्यास के 12 वर्षों बाद भी योजना अधर में अटकी है.
लेटलतीफी की भेंट चढ़ गया ताजपुर-बख्तियारपुर फोर लेन 12 सालों में नहीं बना बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेनःबख्तियारपुर के अथमलगोला से जिले के ताजपुर गांधी चौक तक करीब 55 किलोमीटर लंबी यह सड़क सही मायनों में एक बड़ी आबादी के लिए लाइफ लाईन साबित होने वाली है. वैसे जिले के बीते लगभग सभी चुनावों के दौरान भी यह पुल एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनता रहा. सत्तापक्ष जहां इसे जल्द तैयार करने का वादा करती रही, वहीं विपक्ष इसकी लेटलतीफी पर सरकार के मंशा पर सवाल उठाते रहे.
सीएम ने दिए जल्द काम पूरा करने के निर्देशः वैसे पूरी तरह अधर में अटकी इस योजना को अब रफ्तार देने की कोशिश जरूर हुई. बीते वर्ष के अप्रेल में सीएम नीतीश कुमार ने बंद इस योजना का ताजपुर में आकर दोबारा भी कर्यारंभ किया. यही नहीं इसके निर्माण को जल्द पूरा करने को लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए. मुख्यमंत्री के आगमन के बाद से काम जरूर शुरू हुआ है, लेकिन अभी भी रफ्तार काफी सुस्त है.
12 सालों में नहीं बना बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन मुट्ठी भर मजदूरों के बलबूते हो रहा कामः जिले के ताजपुर प्रखंड में ग्राउंड जीरो से ईटीवी संवाददाता ने निर्माणाधीन इस फोरलेन सड़क का जायजा लिया जहां मुट्ठी भर मजदूरों के बलबूते इस योजना को पूरी करने की कोशिश चल रही है. बहरहाल अब देखना होगा सीएम नितीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट व जिले के लोगो के लिए लाइफलाईन साबित होने वाली यह योजना कब बनकर तैयार होती है. वैसे जानकारी है कि 1600 करोड़ के इस योजना का बजट 2800 करोड़ से उपर पंहुच गया है.
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