समस्तीपुरःबिहार में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकारबड़े-बड़े दावे और वादेकरती है. सालाना बजट का एक बड़ा हिस्सा भी इस पर खर्च भी किया जाता है. लेकिन सरकारी स्कूलों (Bad Condition Of Schools In Samastipur) की हकीकत तो स्कूल में पहुंचने के बाद ही पता चलती है. आज हम आपको बताएंगे समस्तीपुर जिले के सरकारी स्कूलों (Government Schools Of Samastipur) का हाल. जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण विद्यालय के बच्चे और शिक्षक दोनों परेशान हैं. यहां शिक्षा व्यवस्था का हाल बद से बदतर है.
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जिले के 213 स्कूल भवनहीन और भूमिहीनः बिहार में सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पैसे पानी की तरह बहा रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति को लेकर सरकारी दावों की कमी नहीं. वैसे इन दावों की हकीकत देखनी हो तो जिले में स्कूलों से जुड़े कुछ आंकड़ो पर गौर करना होगा. विभागीय आंकड़ो के अनुसार जिले में आज भी करीब 213 स्कूल भवनहीन और भूमिहीन है. बीते 23 वर्षो से अपनी जमीन और अपना भवन का सपना शिक्षा विभाग स्कूल के शिक्षकों और बच्चों को दिखा रहा. लेकिन इक्के दुक्के सफलता के अलावे धरातल पर कुछ विशेष कुछ नहीं हुआ. जाहिर सी बात है, जब शिक्षा का मंदिर ही माकूल नहीं तो वहां बेहतर शिक्षा कैसे संभव होगी.
आरएसबी इंटर स्कूल की हालत बदतरः जिला मुख्यालय के केंद्र में बसे आरएसबी इंटर स्कूल का हाल ये है कि इसके एक कोने में टूटा-फूटा एक छोटा सरकारी आवास है, जंहा वर्षो से एक नहीं दो-दो स्कूलों का संचलान हो रहा है. एक कमरे में राजकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय और दूसरे में राजकीय प्राथमिक विद्यालय. जब छोटे छोटे दो कमरों के इस जर्जर रूम में दो-दो विद्यालय हों तो वहां शिक्षा और बच्चों को सुविधा कैसी होगी इसकी कल्पना की जा सकती है. यहां न पढ़ने की जगह है ना खेलने की, न बच्चों के लिए बाथरूम न पीने का पानी मुहैया है.
दो रूम में एक से आठ तक की पढ़ाईः वहीं, बात अगर मुख्यालय के ही कचहरी कैम्पस के एक स्कूल की करें जो डीएम कार्यालय के ठीक पीछे है, यहां एक खंडर में राजकीय बालिका मध्य विद्यालय का संचालन होता है. दो रूम में एक से आठ तक की क्लास चलती है. न बैठने का सही इंतजाम और न ही रौशनी की व्यवस्था है. उसी में मध्यान्ह भोजन का सामान, बर्तन और पढ़ाई लिखाई की सभी चीजें रखीं रहती हैं. वैसे ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं, अन्य स्कूलों का हाल तो इससे भी बदतर है. जिले में 2527 प्रारंभिक विद्यालय हैं, जंहा करीब 7 लाख 13 हजार से अधिक बच्चे नामांकित हैं.